प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रिव्यू किए जाने के फैसले पर हरियाणा सरकार यू टर्न ले लिया है। अब सूबे के 10 साल पुराने स्कूलों की मान्यता की समीक्षा सरकार नहीं करेगी। यह आदेश उन्हीं स्कूलों पर लागू होगा जो 30 अप्रैल 2023 के पहले से संचालित हो रहे हैं। हरियाणा सरकार ने 15 जून को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया था कि सभी निजी स्कूल, जिनकी मान्यता दस वर्ष से अधिक पुरानी है, वे समीक्षा के लिए आवेदन करेंगे।
बैंक गारंटी की शर्त प्राइवेट स्कूलों के लिए जारी रहेगी। उन्हें मान्यता को लेकर बैंक गारंटी देनी होगी। दो साल में नियमों काे पूरा नहीं किया तो मान्यता तो आगे से मिलेगी ही नहीं, उनकी बैंक गारंटी भी जब्त की जाएगी। सरकार ने प्राथमिक कक्षा तक के लिए एक लाख, 8वीं तक के लिए डेढ़ लाख, 10वीं तक के लिए 2 लाख और 12वीं तक के लिए 2.5 लाख रुपए की बैंक गारंटी निर्धारित की है। जिन स्कूलों की बिल्डिंग दो मंजिला है, उन्हें जमीन के नियमों में 25% छूट भी मिलेगी।
सरकार के फैसले का किया स्वागत
फेडरेशन के प्रधान डॉ. कुलभूषण शर्मा ने 21 जून को शिक्षा मंत्री कंवरपाल से चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर मिले थे। इस दौरान उन्होंने 10 साल स्थायी मान्यता रिव्यू मुद्दे को उनके समक्ष रखा और इसे अव्यवहारिक बताया। अब हरियाणा सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को राहत देते हुए पत्र जारी कर इस मामले को करीब खत्म कर दिया है। पत्र जारी होने पर निजी स्कूल संचालकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।