हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा बाल भारती विद्यापीठ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आज शिक्षकों में लचीलापन, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और आत्म-देखभाल को बढ़ाना विषय पर सेमिनार का आयोजन

गोहाना, 18 सितंबर : व्यक्तित्व एवं कार्य प्रणाली में लचीलापन दैनिक जीवन में आने वाले बदलावों और विभिन्न तरह की चुनौतियों से उबरने में मदद करता है । यह विपरीत परिस्थितियों, तनाव, चिंता, दबाव का सामना करने, सही से अपनी स्थिति में वापस लौटने तथा अनुकूलन करने की क्षमता भी विकसित करता है । उक्त बातें आज गोहाना स्थित बाल भारती विद्यापीठ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा स्थापित बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केन्द्र संख्या-149 के अन्तर्गत आज शिक्षकों में लचीलापन, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और आत्म-देखभाल को बढ़ाना विषय पर आयोजित सेमिनार में उपस्थित शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मालिक ने कहीं ।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के व्यक्तिगत आत्म-निर्माण के लिए व्यक्ति विशेष की सोच, कार्यशैली, विद्यार्थी जीवन निर्माण हेतु लचीलापन, आत्म-देखभाल, मज़बूत भरोसेमंद व्यवहारिक सम्मान, निर्माण भावनात्मक विनियमन और आत्म प्रभावकारिता जैसी व्यक्तिगत रणनीतियों के माध्यम से सहायक प्रेरणादायी शैक्षणिक वातावरण छात्र-अभिभावक सकारात्मक संबंध निर्माण में काम आता है और आत्म-करुणा व प्रभावी भावनात्मक रणनीतियाँ लचीलापन बढ़ाती है ।
अनिल मलिक ने शिक्षकों से अपील की कि वह हमेशा अपने कौशल और क्षमताओं में विश्वास क़ायम रखें । सीखने और सिखाने हेतु अधिक प्रयास करें । समस्याओं का रचनात्मक समाधान खोजें तथा विद्यार्थियों को प्रेरित करते रहें । अपने विद्यार्थियों की तुलना दूसरों से ना करें, उनका तिरस्कार ना करें, आँसू व्यर्थ ना बहने दें, हौसला बढ़ाते रहें । उन्हें प्रेरित करते हुए उनके साथ हमेशा मौजूद रहें क्योंकि शिक्षा मात्र बाल्टी भर नहीं है बल्कि सीखने के लिए आग पैदा करना है ।
शिक्षक ध्यान रखें कि अगर सिर्फ़ बताएंगे तो शायद बच्चे भूल जाएंगे अगर उन्हें अच्छे से सिखाएंगे तो वे याद रख पाएंगे और यदि उनमें व्यवहारिक कौशल पैदा करके काम में शामिल करेंगे तो वो हमेशा के लिए सीख जाएंगे क्योंकि सफलता के लिए जिज्ञासा व सीखते रहना बहुत ज़रूरी है ।
परामर्शदाता नीरज कुमार ने उपस्थित शिक्षकों को खेल-विधि, कहानियों एवं अन्य रचनात्मक तरीक़ों से पढ़ाने बारे चर्चा करते हुए प्रेरित किया ।
कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता करते हुए स्कूल निदेशक हरि प्रकाश गौड़ व प्रिंसिपल सुमन कौशिक ने कहा कि मनोवैज्ञानिक तौर-तरीक़ों से विभिन्न विषयों पर खुला संवाद सीख के साथ नया अनुभव प्रदान करने वाला होता है । कार्यक्रम के सफल आयोजन में विशेष भूमिका सहायक कार्यक्रम अधिकारी धर्मपाल, राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य नीरज कुमार के साथ समन्वयक डॉ० स्वाति शर्मा व विजय चौहान की रही ।