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‘छोटी सी चिंता को सांसों पर बोझ न बनने दें’ विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन 

एसजीटी की सार्थक पहल, अनेक सकारात्मक पहलुओं को स्पर्श किया गया

गुरुग्राम, 12 सितंबर । हर जीवन महत्वपूर्ण है, हर आवाज की अहमियत है और मुसीबत में मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि एक सकारात्मक मनोबल का परिचायक है। नैरेटिव बदलने का समय है, जीवन अनमोल है, इसको हिफाजत के साथ सहेज कर रखने की जरूरत है। थोड़ी सी टेंशन, कम्प्लेक्स, हीन भावना, तकलीफ से हार कर लाइफ को सरेंडर नहीं किया जाना चाहिए। सुसाइड किसी समस्या का समाधान नहीं।

इन्हीं संदेशों को साकार करने के लिए

व्यावहारिक विज्ञान संकाय, एसजीटी यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम द्वारा साइका डिपार्टमेंटल क्लब और एसीटी इम्पैक्ट सेंटर के सहयोग से विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर समग्र जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाना, मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर संवाद को प्रोत्साहित करना और समुदाय में सहानुभूति, मजबूती और समर्थन की भावना को बढ़ावा देना था।

कार्यक्रम में कई प्रभावशाली गतिविधियां शामिल रहीं। जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और संकट में लोगों को समर्थन देने के महत्व को दर्शाने वाले प्लेकार्ड और नारे लेकर पूरे कैंपस में एक सशक्त संदेश दिया।

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कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण था नुक्कड़ नाटक, जिसे छात्रों ने प्रस्तुत किया। इस नाटक ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और मानसिक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया। इसमें मानसिक स्वास्थ्य , परिवार का समर्थन, मित्र नेटवर्क, मजबूत जिजीविषा जैसे सुरक्षा कारकों पर बल दिया गया और बिना किसी भय के मदद मांगने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही नाटक ने मानसिक स्वास्थ्य के कई अन्य महत्वपूर्ण आयामों पर भी ध्यान आकर्षित किया, जिससे दर्शकों को एक सहानुभूतिपूर्ण और समझदार समाज बनाने में अपनी भूमिका पर सोचने के लिए प्रेरित किया गया।

इसके अतिरिक्त, पोस्टर बनाने और नारे लिखने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर अपने विचार रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों ने अपने पोस्टर और नारे के माध्यम से अद्भुत प्रतिभा, संवेदनशीलता और जागरूकता का प्रदर्शन किया, जिससे अभियान का प्रभाव और भी मजबूत हुआ।

यह कार्यक्रम डॉ. अक्षिता, असिस्टेंट प्रोफेसर, व्यावहारिक विज्ञान संकाय, और प्रो. (डॉ.) सतवीर सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, व्यावहारिक विज्ञान संकाय, के संयोजन में आयोजित किया गया तथा प्रो. (डॉ.) आभा सिंह, प्रो वाइस-चांसलर, एसजीटी यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम, प्रो. (डॉ.) रेनु मालवीय, डीन, व्यावहारिक विज्ञान संकाय, और प्रो. वी एन यादव के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

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