“प्रशासन से परिचय” कार्यक्रम के तहत पीएम श्री स्कूल मुरथल अड्डा व कुंडली के बच्चों ने लिया प्रशासनिक अनुभव
उपायुक्त सुशील सारवान ने समाधान शिविर के दौरान बच्चों को पहनाया प्रशासनिक एमबेस्डर बैज

प्रशिक्षणाधीन सहायक आयुक्त- योगेश दिलहौर व नगराधीश डाॅ. अनमोल ने बच्चों के साथ सांझा किये अपने प्रशासनिक अनुभव
सोनीपत, 04 सितम्बर। “प्रशासन से परिचय” कार्यक्रत के तहत जिल प्रशासन के द्वारा सरकारी स्कूलों के अव्वल बच्चों को प्रशासनिक तंत्र का अनुभव व कार्यप्रणाली से परीचित करवाया जाता है। इसी कड़ी में वीरवार को उपायुक्त सुशील सारवान ने बच्चों को प्रशासनिक तन्त्र, अधिकारियों और उनकी कार्यप्रणाली से अवगत कराया। उन्होंने बच्चों को बताया कि किस तरह प्रशासन काम करता है और किस तरह आम जनता अपनी समस्याएँ और सुझाव सीधे अधिकारियों तक पहुँचा सकते हैं। इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी बच्चों को समाधान शिविर की कार्य प्रणाली से अवगत कराया और उन्हे प्रशासनिक बैज भी पहनाए।
“प्रशासन से परिचय” कार्यक्रम के तहत पीएम श्री स्कूल जीजीएसएसएस मुरथल अड्डा के पाँच बच्चे- नैना, दिपिका, वैष्णवी, करीना और नैना व पी एम श्री स्कूल जीएसएसएस कुण्डली के सन्नूप्रिया, सीमाप्रेम, प्रतिभा, योगेशपाल और रिहान ने प्रशासनिक ज्ञान अर्जित किया। आज की समय सारणी के हिसाब से बच्चों ने जेबीएम प्लांट, मलिकपुर का दौरा किया और उन्होंने जाना कि डिस्पोजेबल कचरे से कैसे बिजली बनाई जा सकती है। इसके अलावा आज बच्चों का एसडीएम कार्यालय, सरल केन्द्र, अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय, सीईओ-जिला परिषद और डीसीपी कार्यालय, सोनीपत में अनुभव लिया गया व इन सभी कार्यालयों की कार्यशाली को जाना गया।
इस दौरान प्रशिक्षणाधीन सहायक आयुक्त-योगेश दिलहौर ने बच्चों से अपने प्रशासनिक अनुभव सांझा किये। उन्होंने अपना परिचय करवाते हुए कहा कि वे 2024 बेच के सबसे युवा आईएएस अधिकारी हैं और उनका ऑल इंडिया रैंक 55 था। आईएएस बनने से पहले वे पेशे से वकील थे। उन्होंने बच्चों को बताया कि जिला स्तर पर आईएएस और उप-मण्डल स्तर पर आईएएस और एचसीएस अधिकारियों की तैनाती रहती है। उन्होंने बच्चों को आगे बताया कि एलबीएसएनएए, मंसूरी उत्तराखंड में आईएएश अफसरों का ट्रेनिंग करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें अपनी पढ़ाई का टाईम टेबल सैट करना चाहिए। इस दैरान प्रशिक्षणाधीन सहायक आयुक्त ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (कलेट) और सैंटर्ल युनिवर्सिटी टैस्ट (सीयूटी) के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि लॉ स्टुडेंटस के सेलरी पैकेज ज्यादा होता है। इसलिए बच्चों को वकालत की पढ़ाई पर जोर देना चाहिए। बच्चों को अपनी इंग्लिस पर विशेष तौर से ध्यान देना चाहिए और साथ ही साथ बच्चों को परीक्षा के समय पुराने एग्जाम पेपर का अच्छे से अध्ययन करना चाहिए। उन्हे अपने समकालीन विद्यार्थियों से पीछे नहीं रहना चाहिए।
इस अवसर पर नगरीधीश डॉ. अनमोल ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए। जिससे उनकी एकाग्रता बढेगी। उन्होंने बच्चों को बताया कि आगे बढ़ने का कोई भी अवसर गवाना नहीं चाहिए। उन्होंने बच्चों को बताया कि समय-समय पर अपने से छोटे को भी प्रेरित करना चाहिए।