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उपायुक्त सुशील सारवान की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में आयोजित की गई जिला स्तरीय पीएलएचआईवीएस व मातृ मृत्यु समीक्षा बैठक

जिले में 2867 एचआईवी के मरीज, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समय-समय पर कैंप लगाकर कि जा रही मरीजों की जांच  

 

जिले में पीएलएचआईवी के मरीजों की पेंशन बनाने के लिए आयोजित किए जाएगे कैंप, ऐसे मरीजों को हरियाणा सरकार की तरफ़ से दी जाती है 2250 रूपये पेंशन

सोनीपत, 18 अगस्त। उपायुक्त सुशील सारवान की अध्यक्षता में सोमवार को लघु सचिवालय के प्रथम तल पर बने काॅंफ्रंेस हाॅल में जिला स्तरीय पीएलएचआईवीएस व मातृ मृत्यु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एचआईवी की जांच के लिए कैंप, मरीजो को मिलने वाली सुविधा, मातृ मृत्यु दर के उपर विस्तार से चर्चा कि गई। उन्होंने निर्देश दिए गए कि गर्भवती महिलाओं को जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रो पर हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। प्रत्येक गर्भवती महिला की समय पर समय पर जांच की जाए, किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए की स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए कि गर्भवती महिलाओं के साथ कोई दुर्घटना न हो जिससे उनकी जान का खतरा बने।

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उपायुक्त सुशील सारवान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिए की समय-समय पर एचआईवी की जांच के कैंप आयोजित किए जाए। उन्होंने जिला स्तरीय बैठक में मौजूद पीएलएचआईवी के मरीजों की समस्या भी सुनी व अधिकारियों को निर्देश दिए कि एचआईवी के मरीजो के पेंशन बनाने के लिए कैंप का आयोजन किया जाए। उन्होने बताया कि सोनीपत में 2867 एचआईवी के मरीज है। जिनमें हरियाणा सरकार के द्वारा 1141 लोगो को पेंशन दी जा रही है व अन्य के दस्तावेजो के जांच कर जल्दी से जल्दी बाकी मरीजों की भी पेंशन बनाने का कार्य किया जाएगा।

सीएमओ डाॅ. ज्योत्सना ने बताया कि जिले मे सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण अनिवार्य है। कम से कम चार एएनसी जांच सभी गर्भवती महिलाओं की होती है। अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिला का 34 सप्ताह के बाद आशा वर्कर के द्वारा प्रत्येक दिन जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि एचआईवी, असुरक्षित यौन संबंध से, एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने से, बिना उबली सुई या पहले से इस्तेमाल की गई सुई के प्रयोग से , एचआईवी पाॅजीटिव माॅ से उसके बच्चे में होता है। उन्होंने बताया समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ढ़ाबों पर व ट्रक यूनियन के आस-पास के इलाकों मे कैंप लगाकर एचआईवी की जांच की जाती है।

इस मौके पर डीईओ नवीन गुलिया, डीसीएमओ डाॅ. तरूण, डाॅ. सुनिता, डीसीपीओ डाॅ. रितू गिल व अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण मौके पर मौजूद रहे।

 

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