पैदल गश्त से सुरक्षा का विश्वास : पुलिस बनी जनविश्वास की प्रतीक, पैदल गश्त से बढ़ा भरोसा : सोनीपत पुलिस की सुरक्षा संकल्पना
“सोनीपत पुलिस की फुट पेट्रोलिंग”

सोनीपत, ( अनिल जिंदल) 3 जुलाई : सुरक्षा का अहसास केवल पुलिस की मौजूदगी से नहीं, बल्कि उसकी सतत सक्रियता और जनसंपर्क से उपजता है। इसी सोच को साकार करते हुए सोनीपत पुलिस आयुक्त ममता सिंह, IPS ADGP के निर्देशन में शहरी और कस्बाई व ग्रामीण इलाकों में नियमित पैदल गश्त अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य है जनता में सुरक्षा की भावना को मजबूती देना, अपराधियों पर निगरानी बनाए रखना और आमजन से सीधा संवाद स्थापित करना।
इसी कड़ी में गुरुवार को गोहाना शहर के मुख्य बाजार, फव्वारा चौक और पानीपत चुंगी क्षेत्रों में समता चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक जगदीश कुमार के नेतृत्व में लगभग 20 पुलिसकर्मियों की टीम ने पैदल गश्त की। यह दृश्य न केवल कानून व्यवस्था का प्रतीक था, बल्कि नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद उपस्थिति का अनुभव भी था।
इसी कड़ी मे थाना मुरथल के एरिया मे जी.टी.रोड़ के साथ बने ढ़ाबा जोन, गांव मुरथल व गांव हसनपुर के क्षेत्रों मे उप निरिक्षक राजेश के नेतृत्व मे लगभग 20 पुलिसकर्मियों की टीम ने पैदल गश्त करके जनता को सुरक्षित होने का अहसास कराया।
पुलिस प्रवक्ता एएसआई रविंद्र सिंह ने बताया कि यह पैदल गश्त एक पुरानी लेकिन प्रभावशाली पुलिसिंग तकनीक है, जिससे अपराध रोका जा सकता है, समाज के साथ संवाद सशक्त होता है।
पैदल गश्त के लाभः-
अपराध की रोकथाम: गश्त के दौरान पुलिस की सक्रिय मौजूदगी से असामाजिक तत्वों में भय का संचार होता है।
सार्वजनिक सुरक्षा का विश्वास: खासकर बाजारों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पैदल गश्त से नागरिकों को यह अनुभव होता है कि पुलिस उनके साथ है।
जन संवाद और विश्वास का निर्माण: पैदल चलते समय पुलिस कर्मी नागरिकों से बातचीत करते हैं, उनकी समस्याएं सुनते हैं और सुझावों को गंभीरता से लेते हैं।
नियमों का पालन: यातायात व्यवस्था, सार्वजनिक स्थानों की मर्यादा और कानून का पालन सुनिश्चित करने में यह पहल कारगर होती है।
सोनीपत पुलिस का यह पैदल गश्त अभियान रक्षक भी, संवादी भी इसी भावना को चरितार्थ कर रहा है, जिससे पुलिस और जनता के बीच की दूरी घट रही है और सुरक्षा की डोर और मजबूत हो रही है।