S. Jaishankar का खुलासा, अमेरिका की बदलती वैश्विक सोच से तकनीकी दुनिया में आया भूचाल!
विदेश मंत्री S. Jaishankar ने कार्नेगी ग्लोबल टेक समिट 2025 में भाग लेने के दौरान विकसित हो रहे तकनीकी और भू-राजनीतिक परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए । उन्होंने वैश्विक संबंधों में महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला, खास तौर पर पिछले एक साल में अमेरिका के वैश्विक दृष्टिकोण में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए, खास तौर पर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में। जयशंकर ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप के “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (एमएजीए) नारे के तहत मौजूदा अमेरिकी एजेंडे ने प्रौद्योगिकी के साथ अपने संबंध को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी न केवल अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत बन गई है, बल्कि वैश्विक प्रगति के लिए एक प्रेरक शक्ति भी बन गई है।
चीन की स्थिर प्रगति और यूरोप की बदलती गतिशीलता
S. Jaishankar ने पिछले साल चीन की निरंतर प्रगति के बारे में भी बात की, इस बात पर जोर देते हुए कि यह परिवर्तन अचानक नहीं बल्कि क्रमिक है। इसके अलावा, उन्होंने यूरोप में बदलती गतिशीलता पर अपने विचार साझा किए, जहां अमेरिका, रूस और चीन के साथ संबंधों का संतुलन, जो पांच साल पहले स्थिर था, अब तनाव में है। जयशंकर के अनुसार, यूरोप को हर तरफ से दबाव का सामना करना पड़ रहा है, और हालांकि ये बदलाव पहली बार में नाटकीय नहीं लग सकते हैं, लेकिन वे धीरे-धीरे तेज हो रहे हैं और लंबे समय में वैश्विक संबंधों पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
#WATCH | Speaking at the Carnegie India Global Technology Summit, EAM Dr S Jaishankar says, "Our experiences (with respect to US-China relations) are very different. We've actually seen both extremes. For the first few decades after independence- there was very sharp contestation… pic.twitter.com/cXR6nAUYUb
— ANI (@ANI) April 11, 2025
‘प्रौद्योगिकी’ और ‘टैरिफ’ का उभरता महत्व
मंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले लोग मुख्य “टी” शब्द- प्रौद्योगिकी पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे, लेकिन एक अन्य “टी” शब्द, टैरिफ , ने आज के वैश्विक परिदृश्य में समान महत्व प्राप्त कर लिया है। जयशंकर ने प्रौद्योगिकी और टैरिफ के बीच परस्पर संबंध पर जोर दिया और उपस्थित लोगों से यह समझने का आग्रह किया कि ये दोनों कारक वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं।
वैश्विक परिवर्तन पर भारत का सकारात्मक दृष्टिकोण
समापन में जयशंकर ने शिखर सम्मेलन के विषय, संभावना (आशा) पर विचार किया, जिसे उन्होंने विशेष बताया, क्योंकि यह बदलती दुनिया को देखने के भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत इन वैश्विक परिवर्तनों को अवसरों के रूप में देखता है, जिसका लक्ष्य बदलते अंतरराष्ट्रीय माहौल में अनुकूलन और विकास करना है।