पुरानी अनाज मंडी गोहाना का महाराजा अग्रसेन पार्क बना कूड़ेदान, वर्षों से जारी प्रशासन की अनदेखी

गोहाना, 02 जुलाई : गोहाना की पुरानी अनाज मंडी स्थित पार्क को लेकर यहाँ के स्थानीय नागरिकों को नगर परिषद और पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन से शिकायत है | भूषण अग्रवाल, एडवोकेट आशीष बंसल ने बताया कि कहने को तो सफाई मे गोहाना ‘नगर परिषद नंबर 1’ कहा जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिलकुल विपरीत है। इसका जीता-जागता उदाहरण महाराजा अग्रसेन पार्क, पुरानी अनाज मंडी में देखा जा सकता है। यह पार्क अब न तो बच्चों के खेलने लायक बचा है, न बुजुर्गों के टहलने लायक।
पिछले कई वर्षों से इस पार्क की हालत बद से बदतर हो गई है। हालात यह हैं कि : झूले टूटे-बिखरे पड़े हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। छह महीने से अधिक समय से गंदा पानी पार्क में भरा हुआ है, जिससे मच्छरों का प्रकोप और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। फव्वारा वर्षों से बंद पड़ा है, जिसे चालू करने के नाम पर सिर्फ दिखावा होता रहा। बेंचें टूटी हुई हैं, बुजुर्ग और महिलाएं बैठने के लिए विवश हैं। बिजली की तारें खुली पड़ी हैं, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। कूड़े-कचरे का ढेर चारों ओर फैला है, जिससे पार्क एक सुंदर स्थल की बजाय कूड़ेदान का रूप ले चुका है। मुख्य द्वार वर्षों से बंद पड़ा है, और उसका बोर्ड भी टूटा हुआ है। फिर भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
हम स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों द्वारा बार-बार शिकायतों और ज्ञापन देने के बावजूद, ना चेयरपर्सन और ना ही नगर परिषद के अन्य अधिकारी कोई ठोस कदम उठा रहे हैं।
अब यह सवाल उठता है — क्या यह सब किसी सोची-समझी साज़िश के तहत तो नहीं हो रहा?
क्यों नहीं की जा रही सार्वजनिक संपत्ति की देखरेख?
किसके आदेश पर हो रहा यह मौन अत्याचार?
हम स्थानीय प्रशासन, नगर परिषद गोहाना, और हरियाणा सरकार से यह मांग करते हैं कि:
1. तुरंत इस पार्क की सफाई करवाई जाए
2. झूलों और बेंचों की मरम्मत की जाए
3. खुले तारों को सुरक्षित किया जाए
4. पानी की निकासी और फव्वारे की मरम्मत तत्काल हो
5. मुख्य द्वार और बोर्ड की मरम्मत कर आमजन के लिए खोला जाए
6. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो
यदि 15 दिनों के अंदर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो स्थानीय नागरिक जनांदोलन के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।