Haryana News: हरियाणा के कैथल में सिंचाई विभाग की लापरवाही, माइनर टूटने से किसानों की मेहनत डूबी
Haryana News: हरियाणा के कैथल जिले से किसानों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। कैथल के पिंजुपुरा गांव में कालायत माइनर के टूटने के कारण किसानों की करीब 70 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। इस घटना के बावजूद सिंचाई विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि यह स्थिति उनके लिए बेहद तनावपूर्ण है क्योंकि खेतों में पानी घुटनों तक भर चुका है।
कालायत माइनर टूटने के कारण बर्बादी
किसानों के मुताबिक, उन्हें रात के समय कालायत माइनर के टूटने की जानकारी मिली थी। जब वे सुबह अपने खेतों पर पहुंचे, तो देखा कि खेतों में पानी भर चुका था। किसानों ने बताया कि इस पानी को रोकने के लिए उन्होंने अपनी ओर से हर संभव प्रयास किया, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि उसे रोका नहीं जा सका। नतीजतन, लगभग 70 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है।
किसानों की चिंता
किसानों का कहना है कि यदि जल निकासी जल्दी नहीं की जाती, तो उनकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। गेहूं की फसल की स्थिति काफी गंभीर है क्योंकि जलभराव के कारण मिट्टी का स्तर भी प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में और भी समस्याएं हो सकती हैं। किसान इस समय बेहद तनाव में हैं क्योंकि उनकी मेहनत का फल अब पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। किसानों के लिए यह साल काफी मुश्किलों से भरा हुआ रहा है, क्योंकि पहले ही ओलावृष्टि और बारिश ने उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाया था।
सिंचाई विभाग की लापरवाही
किसानों ने सिंचाई विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग की लापरवाही के कारण ही यह स्थिति उत्पन्न हुई है। किसानों का कहना है कि जब उन्हें माइनर टूटने की सूचना दी गई थी, तो विभाग के अधिकारियों को मौके पर तुरंत पहुंचना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और देर रात तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। इससे किसानों में निराशा और आक्रोश बढ़ा है। वे महसूस कर रहे हैं कि प्रशासन ने उनकी समस्या को नजरअंदाज किया है।





ओलावृष्टि और बारिश से पहले ही फसल हुई थी प्रभावित
कुछ दिन पहले ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण भी किसानों की फसलें प्रभावित हो चुकी थीं। किसानों का कहना है कि पहले ही मौसम की मार से उनकी फसलों को नुकसान हुआ था, और अब माइनर टूटने से उनकी उम्मीदें भी पूरी तरह से टूट गई हैं। गेहूं की फसल पहले से ही खराब हो चुकी थी और अब पूरी तरह से नष्ट होने की कगार पर है। इस स्थिति में किसानों का धैर्य जवाब दे चुका है और वे प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों की मांग
प्रभावित किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें फसल के नुकसान का उचित मुआवजा मिलना चाहिए ताकि वे अपनी मेहनत का कुछ भाग पुनः प्राप्त कर सकें। किसानों का यह भी कहना है कि उनके पास इस नुकसान को सहने का कोई दूसरा तरीका नहीं है, और उन्हें अब सरकार से राहत की उम्मीद है। किसानों के लिए यह एक बुरी स्थिति है, और यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया, तो आगे की स्थितियां और भी भयावह हो सकती हैं।
सरकार से राहत की उम्मीद
किसानों ने सरकार से यह उम्मीद जताई है कि उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा और इस स्थिति से उबारने के लिए प्रशासन कड़े कदम उठाएगा। किसानों का कहना है कि इस समय उनका जीवन बेहद कठिन हो गया है, और अगर सरकार उनकी मदद करती है तो उनकी स्थिति कुछ सुधर सकती है। उनके लिए यह एक बड़ा संकट है, और वे चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले में पूरी गंभीरता से कार्रवाई करे।
Haryana के कैथल जिले के पिंजुपुरा में हुई इस घटना ने किसानों को गहरी परेशानी में डाल दिया है। माइनर टूटने से किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, और अब प्रशासन से उनकी उम्मीदें बढ़ गई हैं। ओलावृष्टि और बारिश के बाद अब माइनर टूटने से किसानों की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। किसान प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी समस्याओं को शीघ्र सुलझाएगा।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और प्रशासनिक लापरवाही के कारण कभी-कभी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह किसानों को जल्द से जल्द राहत प्रदान करे और उनकी समस्याओं का समाधान करें।