Chardham Yatra 2025: 30 अप्रैल से होगी शुरुआत, 11 मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू, इस बार आधार से जुड़ सकता है पंजीकरण

Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड में स्थित चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की पवित्र यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से प्रारंभ होने जा रही है। इस धार्मिक यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया 11 मार्च से शुरू होगी। इस बार यात्रा के पंजीकरण को आधार कार्ड से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत संचालित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, हालांकि इसमें कम से कम एक महीने का समय लग सकता है।
पिछली बार यात्रियों को आई थीं समस्याएं
पिछले साल चारधाम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी थी। करीब 46 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जिससे पंजीकरण और यात्रा व्यवस्था में कई चुनौतियाँ सामने आईं। विशेषकर यात्रा के शुरुआती चरण में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में दिक्कतें आईं, जिससे कई यात्रियों का पूरा शेड्यूल प्रभावित हुआ। इसके अलावा, बिना रजिस्ट्रेशन पहुंचे यात्रियों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इस बार, इन समस्याओं से बचने के लिए यात्रा पंजीकरण प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इस वर्ष 60 प्रतिशत ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आधार से जुड़ेगा यात्रा पंजीकरण, मिलेगी बड़ी सुविधा
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि यात्रा को अधिक संगठित बनाने के लिए आधार कार्ड को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इससे यात्रियों का डेटा सुरक्षित रहेगा और उन्हें रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही, इससे सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।
ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
चारधाम यात्रा में इस बार पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाया जा रहा है। इसके तहत:
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: यह प्रक्रिया 11 मार्च से शुरू होगी, जिससे यात्री घर बैठे अपना पंजीकरण करा सकेंगे।
- ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन: यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले शुरू किया जाएगा, ताकि उन श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके, जो ऑनलाइन प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं या तकनीकी दिक्कतों के कारण ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते।
चारधाम यात्रा का आर्थिक महत्व
चारधाम यात्रा का उत्तराखंड के आर्थिक तंत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। विशेषकर चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले की अर्थव्यवस्था इस यात्रा पर निर्भर करती है। इसके अलावा, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जैसे जिलों के लोगों के लिए भी यह यात्रा आजीविका का एक प्रमुख साधन है। होटल, धर्मशाला, परिवहन, टूर गाइड, स्थानीय दुकानें और भोजनालय इस यात्रा के कारण ही संचालित होते हैं।
यात्रा के दौरान सुरक्षा और अन्य इंतजाम
उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। इस बार अतिरिक्त पुलिस बल, स्वास्थ्य सुविधाएं और आपातकालीन सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए मेडिकल कैंप, एंबुलेंस और हेल्प डेस्क की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश
- पूर्व पंजीकरण अनिवार्य: चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले पंजीकरण कराना आवश्यक होगा।
- स्वास्थ्य प्रमाण पत्र: विशेष रूप से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेकर जाना होगा।
- यात्रा के दौरान सावधानी: पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें और अधिक ऊंचाई पर जाने से पहले जरूरी दवाइयां अपने साथ रखें।
- यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज: आधार कार्ड, रजिस्ट्रेशन स्लिप और अन्य आवश्यक कागजात साथ रखना अनिवार्य होगा।
चारधाम यात्रा की आधिकारिक तिथियां
- गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम: 30 अप्रैल 2024 से खुलेंगे।
- केदारनाथ धाम: 3 मई 2024 को कपाट खुलेंगे।
- बद्रीनाथ धाम: 5 मई 2024 को श्रद्धालुओं के लिए द्वार खोले जाएंगे।
चारधाम यात्रा 2024 को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार की ओर से कई अहम कदम उठाए गए हैं। इस बार आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन को जोड़ने की पहल से यात्रा की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाया जाएगा। साथ ही, ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की व्यवस्था यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगी। उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के भगवान के दर्शन कर सकें।