PM Modi की अपील: युवा एक दिन वैज्ञानिक बनकर बढ़ाएं विज्ञान में रुचि
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PM Narendra Modi ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में युवाओं से अपील की कि वे ‘एक दिन वैज्ञानिक’ के रूप में बिताएं, ताकि उनकी विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और बढ़ सके। इस दौरान उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 100वें लॉन्च मिशन की सफलता का जिक्र करते हुए इसे देश की अंतरिक्ष विज्ञान में बढ़ती शक्ति का प्रतीक बताया।
इसरो की 100वीं लॉन्च मिशन की ऐतिहासिक सफलता
PM Modi ने कहा कि ISRO का 100वां लॉन्च मिशन सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि यह भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों को छूने के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि भारत की यह सफलता खेल जगत की सेंचुरी से भी ज्यादा रोमांचक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह क्रिकेट में सेंचुरी का महत्व होता है, उसी तरह भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में यह उपलब्धि बेहद खास है।
उन्होंने कहा कि भारत की अंतरिक्ष उड़ान सफलताओं की सूची बहुत लंबी हो गई है, और यह दिखाता है कि देश लगातार इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
पिछले 10 वर्षों में 460 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण
PM Modi ने इस दौरान ISRO की बड़ी उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि बीते 10 वर्षों में लगभग 460 उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए हैं। इनमें विदेशी उपग्रहों की भी बड़ी संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि लॉन्च व्हीकल्स का निर्माण, चंद्रयान, मंगलयान, आदित्य-एल1 मिशन और एक ही रॉकेट से 104 उपग्रहों को भेजने जैसी सफलताएं ISRO के परिश्रम और कौशल का प्रमाण हैं। यह भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है।
अंतरिक्ष विज्ञान में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है, जो बेहद सराहनीय है। उन्होंने बताया कि अब भारतीय युवा भी अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर अधिक उत्साहित और प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इस क्षेत्र में सैकड़ों स्टार्टअप और निजी कंपनियां सक्रिय होंगी। लेकिन आज यह एक हकीकत बन चुकी है।”
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युवाओं के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में अपार संभावनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो युवा जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं, उनके लिए अंतरिक्ष क्षेत्र बेहतरीन विकल्प बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत का स्पेस सेक्टर अब सिर्फ सरकारी एजेंसियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें निजी कंपनियां और स्टार्टअप भी आगे आ रहे हैं। उन्होंने युवाओं को नेशनल साइंस डे की भी याद दिलाई और कहा कि यह विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र में भारत के योगदान को याद करने का अवसर है।
युवाओं से ‘एक दिन वैज्ञानिक’ बनने की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों और युवाओं से विज्ञान में रुचि बढ़ाने के लिए ‘एक दिन वैज्ञानिक’ बनने की अपील की। उन्होंने कहा, “आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी दिन चुन सकते हैं। उस दिन किसी रिसर्च लैब, प्लैनेटेरियम या स्पेस सेंटर का दौरा करें। इससे आपकी विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी।” उन्होंने कहा कि अगर युवा विज्ञान के प्रति जिज्ञासु बनेंगे, तो भारत की वैज्ञानिक सोच और नवाचार की ताकत और बढ़ेगी।
अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती शक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र अब दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने कम लागत में प्रभावी अंतरिक्ष मिशन तैयार करने में सफलता हासिल की है।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान और मंगलयान की सफलता से लेकर गगनयान मिशन की तैयारियों तक, भारत हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में अब युवा वैज्ञानिकों की एक नई पीढ़ी तैयार हो रही है, जो आने वाले समय में देश को और बड़ी ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
विज्ञान और नवाचार से होगा आत्मनिर्भर भारत का निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत की यह प्रगति ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि जितना अधिक हम विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ेंगे, उतनी ही तेजी से भारत आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि युवा अगर विज्ञान में रुचि लेंगे, तो देश को नए विचारों, नई खोजों और नई सफलताओं की ओर ले जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में ISRO की ऐतिहासिक सफलता और अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं से विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने और एक दिन वैज्ञानिक बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर युवा रिसर्च सेंटर, प्लैनेटेरियम और लैब्स का दौरा करेंगे, तो इससे उनकी वैज्ञानिक सोच विकसित होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश न केवल भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह युवाओं को विज्ञान और नवाचार की ओर प्रेरित करने का भी एक शानदार प्रयास है।