Maharashtra-Karnataka bus dispute: भाषा विवाद से बढ़ता तनाव, बस सेवा बंद
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Maharashtra-Karnataka bus dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच एक बस कंडक्टर पर हमले की घटना के बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस घटना को लेकर महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने पुणे के स्वारगेट क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक नंबर प्लेट वाली बसों पर काली स्याही फेंकी।
इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक जाने वाली सभी राज्य परिवहन (ST) बस सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। गौरतलब है कि रोज़ाना 50 से अधिक सरकारी बसें महाराष्ट्र से कर्नाटक जाती हैं। इस विवाद की शुरुआत कर्नाटक के बेलगाम में हुई थी, जहां भाषा को लेकर एक बस कंडक्टर और कुछ यात्रियों के बीच झगड़ा हो गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
घटना बेलगाम, कर्नाटक में हुई, जब कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) के बस कंडक्टर बसवराज महादेव हुकेरी और कुछ यात्रियों के बीच भाषा को लेकर विवाद हुआ। कंडक्टर ने कन्नड़ भाषा में बातचीत की, जबकि यात्री उनसे मराठी में बात करने की मांग कर रहे थे।
यह बहस जल्द ही झगड़े में बदल गई और तीन लोगों तथा एक नाबालिग ने कथित तौर पर कंडक्टर पर हमला कर दिया। घटना के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और एक नाबालिग को हिरासत में लिया।
#WATCH | Pune: Shiv Sena (UBT) workers staged a protest and blackened the buses with Karnataka number plates in the Swargate area of Pune city after a Marathi-speaking bus driver was assaulted in Belagavi, for allegedly not speaking in Kannada. (22.02) pic.twitter.com/SJ3s0s42p5
— ANI (@ANI) February 22, 2025
इसके बाद विवाद ने नया मोड़ ले लिया जब नाबालिग ने कंडक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए POCSO अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई। इससे मामला और अधिक संवेदनशील हो गया और कर्नाटक में भी इस पर प्रतिक्रिया देखने को मिली।
महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन और बस सेवा बंद
महाराष्ट्र में इस घटना को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने पुणे के स्वारगेट इलाके में प्रदर्शन किया और कर्नाटक नंबर प्लेट वाली बसों पर काली स्याही फेंककर विरोध जताया। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक जाने वाली सभी राज्य परिवहन (ST) बस सेवाओं को स्थगित कर दिया।
महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अनुसार, सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है। इस रोक के चलते रोज़ाना कर्नाटक जाने वाली 50 से अधिक सरकारी बसें प्रभावित हुई हैं।
कर्नाटक में कन्नड़ संगठनों का प्रदर्शन
इस मामले ने कर्नाटक में भी आग पकड़ ली, जहां प्रोकन्नड़ संगठनों ने बस कंडक्टर के समर्थन में प्रदर्शन किया। शनिवार को चित्तरदुर्गा में कन्नड़ समर्थकों ने महाराष्ट्र परिवहन निगम की एक बस पर काली स्याही फेंककर विरोध किया।
सीमा विवाद की पुरानी कड़वाहट फिर से जागी
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगाम विवाद दशकों पुराना है। महाराष्ट्र लंबे समय से बेलगाम को अपने राज्य में शामिल करने की मांग करता रहा है, जबकि कर्नाटक इसे स्वीकार नहीं करता। इस विवाद के चलते दोनों राज्यों के बीच समय-समय पर तनाव बढ़ता रहा है।
भाषा विवाद के चलते भी दोनों राज्यों के लोगों के बीच टकराव होता रहा है। बेलगाम में मराठी भाषी लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, लेकिन कर्नाटक सरकार ने वहां कन्नड़ भाषा को प्रमुखता दी है।
सुरक्षा व्यवस्था और सरकार की प्रतिक्रिया
इस विवाद के कारण दोनों राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। महाराष्ट्र और कर्नाटक पुलिस सतर्क है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। साथ ही उन्होंने कर्नाटक सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी स्थिति पर बयान देते हुए कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मामले को शांत करने के प्रयास
दोनों राज्यों की सरकारें इस मामले को सुलझाने के लिए बातचीत कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्य सचिवों के बीच बातचीत चल रही है ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।
महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बस सेवा बहाल करने पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन फिलहाल स्थिति को देखते हुए यह सेवा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित रहेगी।
समाज और राजनीति पर प्रभाव
इस विवाद का राजनीतिक असर भी देखने को मिल रहा है। शिवसेना (UBT), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और अन्य मराठी संगठनों ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, कर्नाटक में भी विभिन्न संगठनों ने कन्नड़ भाषा के समर्थन में आवाज उठाई है।
यह विवाद न सिर्फ भाषा को लेकर है, बल्कि दोनों राज्यों के बीच राजनीतिक और सांस्कृतिक तनाव को भी दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवाद से दोनों राज्यों के बीच संबंध और अधिक जटिल हो सकते हैं।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बस कंडक्टर पर हमले का मामला अब एक बड़ा विवाद बन चुका है। भाषा विवाद के चलते यह मामला धीरे-धीरे एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है, जिससे दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है।
सरकारों और प्रशासन की कोशिश है कि इस विवाद को जल्द से जल्द शांत किया जाए, लेकिन जनता में बढ़ते असंतोष को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि स्थिति कब सामान्य होगी।
फिलहाल, महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली बस सेवाएं बंद हैं और दोनों राज्यों के बीच सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि इस मामले का समाधान कैसे निकलता है और क्या दोनों राज्यों की सरकारें मिलकर इसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा पाती हैं या नहीं।