अनिल विज ने सी एम की फोटो पर गद्दार का ठप्पा लगाया
अम्बाला :-हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने सोमवार को सीधे CM नायब सैनी को टारगेट पर ले लिया। विज ने सोशल मीडिया (X) पर सैनी समर्थकों की 17 तस्वीरें शेयर कीं। जिनमें ये समर्थक CM सैनी और अनिल विज के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली पूर्व कांग्रेसी मंत्री की बेटी चित्रा सरवारा के साथ नजर आ रहे हैं।
विज ने इन तस्वीरों को वीडियो के रूप में जारी करते हुए बैकग्राउंड में ‘ क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे’ गाना लगाया। इसके अलावा इन लोगों को गद्दार बताया। यही नहीं, एक फोटो में CM नायब सैनी की फोटो पर ही गद्दार का ठप्पा लगाया गया है।
अनिल विज ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- ”आशीष तायल जो खुद को नायब सैनी का मित्र बताते हैं, उनकी फेसबुक पर नायब सैनी के साथ अनेकों चित्र मौजूद हैं। आशीष तायल के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान जो कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं वही कार्यकर्ता चित्रा सरवारा भाजपा की विरोधी उम्मीदवार के साथ भी नजर आ रहे हैं। ये रिश्ता क्या कहलाता है..?
उन्होंने आगे लिखा- तायल आज भी नायब सैनी के परम मित्र बने हुए हैं तो फिर प्रश्न उठता है की भाजपा उम्मीदवार (अनिल विज) की मुखालफत किसने करवाई?।
4 दिन में खुलकर सामने आती गई अनिल विज की नाराजगी….
सबसे पहले कहा- ग्रीवेंस मीटिंग में नहीं जाऊंगा, डल्लेवाल की तरह अनशन करूंगा
अनिल विज ने 30 जनवरी को कहा- अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि इस मीटिंग में जारी आदेशों का पालन नहीं होता। ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी किसी तरह के आदेशों का पालन न करें।
अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र के कामों के लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो वह करेंगे। बाकी हरियाणा का तो पता नहीं, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए वह लड़ते रहेंगे। जिस तरह किसानों की मांगों के लिए डल्लेवाल (किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल) आमरण अनशन कर रहे हैं। उसी तरह अगर अनशन करना पड़े तो भी वह तैयार हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उड़न खटोले पर नायब सैनी
अनिल विज ने 31 जनवरी को अंबाला में कहा- जिन लोगों ने मुझे चुनाव हराने की कोशिश की, चाहे वह अधिकारी थे, कर्मचारी थे या छुटभैये नेता थे। मैंने इन सबके बारे में लिखकर दिया। 100 दिन हो चुके हैं, इस मामले में न तो मुझसे पूछा गया, न ही कोई कार्रवाई हुई। मुझे शक था कि मुझे हराने के लिए किसी बड़े नेता के द्वारा ये काम किया गया है।
यहां तक कि मुझे मारने का भी प्रयास किया गया। मैं सबसे सीनियर नेता हूं, अगर मैं कह रहा हूं मेरे खिलाफ हराने की कोशिश की है, तो तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। 100 दिन तक कुछ नहीं किया गया, अब तो वह करें न करें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारे मुख्यमंत्री, जब से CM बने हैं तब से उड़नखटोले पर ही हैं।
नीचे उतरे तो जनता के प्रति देखें। ये मेरी आवाज नहीं है, सारे एमएलए सारे मंत्रियों की आवाज है। अंबाला छावनी की जनता ने मुझे यहां से जिताया है। उनके कामों के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा वह करूंगा। जान देनी पड़े तो दूंगा। धरना देना पड़े दूंगा। अनशन करना पड़े करूंगा।
मेरी आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता
अनिल विज ने एक फरवरी को कहा- मैं कुछ नहीं बोलता, मेरी क्या हैसियत है। मैं जो बोलता हूं, आत्मा से बोलता हूं और आत्मा की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। तब तक सरकार अंबाला DC को बदल चुकी थी, इस पर विज ने कहा- यह आते-जाते रहते हैं, इससे कोई ताल्लुक नहीं है।
विज ने अनशन की चेतावनी पर कहा अभी मेरी कोई बात नहीं हुई है कि वह (वर्कर) क्या महसूस कर रहे हैं। उनसे (वर्कर) बैठकर बात करेंगे, उसके बाद फिर सोचेंगे। विज ने दीपेंद्र हुड्डा का भी इस बात के लिए धन्यवाद किया, जिसमें सांसद ने कहा था कि हरियाणा में अफसरशाही हावी है। मंत्रियों को मंत्री नहीं माना जाता।
CM चाहें मंत्रीपद छीन लें, मेरी सिनियोरिटी-विधायकी नहीं छीन सकते
अनिल विज ने 2 फरवरी को रोहतक में कहा- हम चाहते हैं कि सरकार ठीक तरीके से काम करे। सीएम भी मंत्रियों की बात सुनें और सरकार को ठीक से चलाएं। हम तो यही चाहते हैं कि सरकार ठीक से चले।
मेरा मंत्री पद ही छीन सकते हैं। मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा और न मंत्री का। मंत्री रहते हुए भी मैंने कोई आवास नहीं लिया। अगर अब इस पद को कोई छीनना चाहता है तो बेशक छीन ले, मुझे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन मेरी सीनियरिटी और मेरी विधायकी नहीं छीन सकते। मुझे लोगों ने विधायक बनाया है।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के ये कहने पर कि मेरी तो चलती है, इस पर विज ने कहा- मुझे श्याम सिंह राणा ने फोन पर कहा था कि अधिकारी नहीं सुन रहे, आप फोन कर दो। अब उनकी चलने लगी तो अच्छा है।
अंबाला के डीसी को बदलने पर विज ने कहा ‘सरकार के 100 दिन होने के बाद डीसी बदले या ना बदले, कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने चुनाव होते ही कहा था कि अधिकारियों ने मेरे खिलाफ काम किया है।
BJP अध्यक्ष को इस्तीफा देना चाहिए, गैंगरेप का आरोपी महिलाओं की मीटिंग कैसे ले सकता है
अनिल विज ने 2 फरवरी को सोनीपत के गोहाना में कहा- मोहनलाल बड़ौली को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए। जिस व्यक्ति पर IPC की धारा-376D (महिला से गैंगरेप) के आरोप हों, वह महिलाओं की मीटिंग किस तरह ले सकता है।
अब हम यह तो कह नहीं सकते कि महिलाओं को BJP से बैन कर दिया गया है। हम तो महिलाओं को 30% बढ़ा रहे हैं। ऐसे में धारा-376 का आरोपी शख्स प्रदेशाध्यक्ष नहीं रह सकता। हमारे बड़े-बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे। आडवाणी पर भी आरोप लगे थे, उनका नाम आया था और उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। बड़ौली उनसे बड़े तो नहीं हैं। उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए। वह बातें उनकी, मानें या ना मानें।
अनिल विज की नाराजगी पर CM और सरकार के स्तर पर क्या कार्रवाई हुई…
अंबाला DC हटाया, हैफेड मैनेजर चार्जशीट किया
अनिल विज ने जब ग्रीवेंस कमेटी में जाने से इनकार किया तो सरकार ने अचानक अंबाला के DC पार्थ गुप्ता को हटा दिया। हालांकि गुप्ता को अंबाला से हटाकर यमुनानगर में DC लगा दिया। माना जा रहा है कि अधिकारी को फिर DC की कुर्सी देने की वजह से ही विज की नाराजगी बरकरार है। इसके अलावा सिरसा में उनके आदेश के करीब 2 महीने बाद हैफेड के मैनेजर मुकेश कुमार को DC शांतनु ने चार्जशीट करने के आदेश जारी कर दिए।
चित्रा सरवारा ने अनिल विज पर ही उठाए थे सवाल
नाकामियों पर स्टैंप लगाया, विज अपनी जिम्मेदारी की बात करें
अनिल विज के ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में न जाने और अनशन पर बैठने के बयान पर चित्रा सरवारा ने कहा था कि अनिल विज ने अपनी एक स्टेटमेंट से एक तरफ अपनी नाकामियों पर स्टैंप लगाया है। वहीं, दूसरी तरफ अपनी सरकार को फेल का भी सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
मैं अनिल विज से यही कहूंगी कि आपको काम करने की ताकत देने के लिए अंबाला की जनता ने 7 बार विधायक की कुर्सी पर बैठाया। आपकी पार्टी ने मंत्री पद दिया। आज आप आमरण अनशन की धमकी देकर सड़क पर उतरने की बात न करें। आप अकाउंटेबिलिटी की बात करें।
पहले कहते थे थ्री नॉट थ्री की तरह काम होता है, करोड़ों रुपए कहां गए
अंबाला में जब करोड़ों के बजट आए तो तब आपने छाती ठोककर कहा कि थ्री नॉट थ्री की तरह मेरा काम होता है। हम भी आवाज उठाते रहे कि जो करोड़ों आए हैं, ये गए कहां हैं? ऐसा क्यों है कि अंबाला का हर प्रोजेक्ट 3 गुना समय सीमा और बजट को लांघकर आगे जा चुका है? आपने कभी उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। आज आप कौन से काम की दुहाई दे रहे हैं।
ग्रीवेंस कमेटी मीटिंग में अपमान करते हैं, सस्पेंशन की लड़ाई मत लीजिए
जनता के अंदर आवाज ये है कि असली काम ये नहीं हुआ कि आपके कहने से अफसर सस्पेंड नहीं हुआ। जो सस्पेंशन आप जनता दरबार में करते थे, जो सस्पेंशन और अपमान आप ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में करते थे, तो आप कौन से काम की बात करते हैं?
किससे शिकायत कर रहे हैं, असली मुद्दा क्या है, आप उस पर ध्यान दें। अंबाला में करोड़ों का बजट आया। ये किसने खाया? एक आमरण अनशन आप इसके ऊपर करिए, तब तो कोई बात बनती है। जनता के दिए हुए अधिकार के ऊपर नया पैसा लाने और सस्पेंशन की लड़ाई मत लड़िए।