बरोदा हल्के के निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. कपूर नरवाल ने रिवाड़ा, मोई हुड्डा, पूठी, रुखी, भैंसवान खुर्द और माहरा गांवों में किया चुनाव प्रचार, मिल रहा है अथाह जनसमर्थन
जीता तो मेरे कान पकड़ जहां छोड़ आओगे, वहीं रहूंगा
गोहाना :19 सितंबर : अगर आप के स्नेह और आशीर्वाद से मैं जीत गया, आप मुझे कान पकड़ कर जहां छोड़ कर आओगे, मैं वहीं रहूंगा। गुरुवार को यह वायदा बरोदा हलके से निर्दलीय किस्मत आजमा रहे डॉ. कपूर सिंह नरवाल ने किया।
डॉ. कपूर नरवाल रिवाड़ा, मोई हुड्डा, पूठी, रुखी, भैंसवान खुर्द और माहरा गांवों में चुनाव प्रचार कर रहे थे। उन्होंने कहा : मेरे साथ एक या दो नहीं, तीन बार धोखा हुआ। साथ में कैंसर की बीमारी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा : जो मेरे साथ हुआ, भगवान किसी के साथ न करे। डॉ. कपूर नरवाल ने कहा कि वह तो चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे, पर बरोदा की सरदारी का आदेश आया तो मना नहीं कर सके। 68 साल के डॉ. नरवाल ने कहा कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी चुनाव है।
डॉ. कपूर नरवाल ने कहा कि अन्याय और न्याय की लड़ाई में आप कांग्रेस और भाजपा के बहकावे में न आना, न अफवाहों पर ध्यान देना। जो ग्रामीण बाहर गए हों, 5 अक्तूबर को उनको भी बुलवा कर एक-एक वोट दे कर मुझे एम.एल.ए. बना देना।
भूपेंद्र मलिक ने कहा कि बरोदा के वोटरों के पास वोट डालने की राह नहीं थी। वे न कांग्रेस को वोट देना चाहते थे, न भाजपा को। डॉ. कपूर नरवाल के चुनाव लड़ने से वह ऐसे लोग की च्वाइस बन गए। बरोदा को अब दिखाना है कि मोदी-राहुल नहीं, टिकट जनता की बड़ी है। कप्तान हुड्डा, सुरेंद्र मलिक, मास्टर ओम प्रकाश, राजबीर नरवाल, देवेंद्र पांचाल, शमशेर नरवाल, निर्मला मोई आदि ने कहा कि डॉ. कपूर नरवाल किसी पार्टी के नहीं, 55 गांवों और 36 बिरादरी के नेता हैं।
पूरी खबर देखे फेसबुक पेज खबर अब तक पर पेज लिंक
https://www.facebook.com/profile.php?id=100093442472905&mibextid=LQQJ4d