विभिन्न विश्वविद्यालयों में 2 से 15 साल से कार्यरत 1443 अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों पर लटकी छंटनी की तलवार
गोहाना :-22 मई : प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में 2 से 15 साल से कार्यरत 1443 अनुबंधित छंटनी की तलवार लटक गई है।
असिस्टेंट प्रोफेसरों पर हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रैक्टचुअल टीचर्स एसोसिएशन (हुकटा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय मलिक ने बुधवार को राज्य सरकार से मांग की कि पहले अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफसरों का नियमित किया जाए और उस के बाद बचने वाले पदों पर भी नियमित भर्ती की जाए। विजय मलिक बी.पी.एस. महिला विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। वह पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के
विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की स्थायी भर्ती की जानी है। उनके अनुसार इस भर्ती के लिए इस समय अनुबंध आधार पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों को भी रिक्तियों की संख्या में शामिल कर लिया गया है। यह पूरी तरह से अनुचित है। जिन असिस्टेंट प्राध्यापकों ने अनुबंध आधार पर कार्य करते हुए अपनी जिंदगी के 15 साल तक दे दिए हों, ऐसे असिस्टेंट प्रोफेसरों को पक्का करने के स्थान पर बाहर का रास्ता दिखा देना घोर दुर्भाग्यपूर्ण होगा ।
हुकटा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने 5 से 7 साल के अनुबंध कर्मचारियों की सूचना नियमित करने के लिए मांगी है। सरकार उनको नियमित करने की एक नीति बनाना चाहती है। लेकिन अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को भय है कि कहीं इस नीति के बनने से पहले ही उनका रोजगार छिन न जाए। इस के लिए प्रदेश की सब लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे सब दलों के प्रत्याशियों को अपने रोजगार की गारंटी के लिए ज्ञापन दिए जा रहे हैं ।
विजय मलिक ने जोर दे कर कहा कि अनुबंध पर चयनित असिस्टेंट प्राध्यापकों की नियुक्ति में सब नियमों का पालन किया गया है। अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों के तौर पर उन्हीं आवेदकों की नियुक्ति की गई जो सब पात्रताओं को पूर्ण करते हैं। वे सब प्रारंभिक वेतनमान पर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अगर उनकी छंटनी हुई, इससे उन पर आश्रित उनके करीब 15 हजार फैमिली मेंबर्स का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा।
हुकटा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नैतिकता का भी तकाजा है कि अनुबंधित असिस्टेंट प्राध्यापकों के पदों को रिक्त न ट्रीट किया जाए। उनके पदों को स्थायी नियुक्ति के लिए प्रस्तावित पदों से निकालने के बाद जो पद शेष बचें, उन्हीं पदों पर ने स्थायी नियमित नियुक्तियां की जाएं तथा अनुबंधित अस्थायी प्राध्यापकों से अन्याय न करते हुए उन्हें स्थायी भर्ती से पहले नियमित करने का लाभ दिया जाए।