बाहरी नहीं ब्रह्मचारी, दो बार दे चुके जीत का आशीर्वाद : बड़ौली
गोहाना :-12 मई : सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी के जहां बाहरी होने पर घमासान मचा हुआ है, वहीं भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली ने यह कह कर सब को चौंका दिया कि ब्रह्मचारी बाहरी नहीं हैं। बड़ौली ने यह दावा भी किया कि सतपाल ब्रह्मचारी उनको दो बार जीत का आशीर्वाद दे चुके हैं।
इस पर प्रतिक्रिया में सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि मैं खुद एक कैंडिडेट हूं, बड़ौली मेरे प्रतिद्वंद्वी हैं। आशीर्वाद तब दिया था जब मेरी कांग्रेस टिकट घोषित नहीं हुई थी ।
मोहन लाल बड़ौली गोहाना क्षेत्र के बरोदा हलके के बलि ब्राह्मणान गांव में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार में रहते हैं, लेकिन मैंने कभी भी उनको बाहरी नहीं कहा। जिस का भी वोट बना हुआ है, संविधान उस को देशभर में कहीं से भी चुनाव लड़ने की अनुमति देता है। भाजपा प्रत्याशी ने जोड़ा कि हमारे प्रदेश के भी बहुत से नेता ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों में जा कर चुनाव लड़ते हैं।
सोनीपत के रण के चुनाव प्रचार में कौरव-पांडव शब्द जम कर उछल रहे हैं। लेकिन मोहन लाल बड़ौली बोले कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा। कौरव और पांडव एक ही वंश के थे, उनका परिवार एक था, वे भाई थे। भाजपा प्रत्याशी ने दिलचस्प दावा किया कि कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी ने उन्हें एक नहीं, पूरे दो बार जीत का आशीर्वाद दिया। मोहन लाल बड़ौली के इस दावे की तसदीक के लिए जब कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी से संपर्क किया गया, वह बोले, भाई, मैं खुद कैंडिडेट हूं, मैं उनका प्रतिद्वंद्वी हूं। मेरा आशीर्वाद है कि वह खुश रहें। मैंने जीत का आशीर्वाद दिया था, पर तब जब मेरी टिकट का ऐलान नहीं हुआ था ।
मोहन लाल बड़ौली ने भी माना कि उन्हें सतपाल ब्रह्मचारी ने जीत का आशीर्वाद जिस समय दिया था,उस समय ब्रह्मचारी की कांग्रेस टिकट घोषित नहीं हुई थी। भाजपा प्रत्याशी ने यह भी कहा कि उनके लिए सतपाल ब्रह्मचारी आदरणीय पहले हैं, प्रतिद्वंद्वी बाद में ।