क्या अल्पमत में है हरियाणा सरकार ? एक-दूसरे के पाले में गेंद डालने में जुटे हुड्डा और दुष्यंत
दुष्यंत चौटाला बोले कि नेता प्रतिपक्ष कदम उठाएं हम विपक्ष के साथ है। वहीं हुड्डा का पलटवार आया कि जजपा विपक्ष के साथ है तो राज्यपाल को लिखकर दे आएं।
तीन निर्दलीय विधायकों के भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा में राजनीतिक घमासान मच गया है। विधायकों के समर्थन वापसी से प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है, लेकिन फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है। उधर, विपक्षी दल कांग्रेस और जजपा अल्पमत को लेकर सरकार पर निशाना साध रही हैं, लेकिन दोनों ही दल अगुवाई की बजाय एक-दूसरे के पाले में गेंद डालने में जुटे हैं।
तीन निर्दलीय विधायकों सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर और रणधीर गोलन के कांग्रेस के साथ आने के बाद बुधवार को दिनभर सियासत गर्म रही। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने हिसार में प्रेसवार्ता कर कहा कि प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर बहुमत साबित करना चाहिए।
जजपा राज्यपाल से लिखित में आग्रह करेगी कि प्रदेश सरकार को बहुमत साबित करने को कहें। सदन में फ्लोर टेस्ट हुआ तो विपक्ष को बाहर से समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि जजपा के टिकट पर चुनकर आए सभी विधायकों को व्हिप के अनुसार वोट देना होगा। तीन विधायकों का पार्टी विरोधी गतिविधि के रिकॉर्ड हमारे पास हैं। हमने तीनों को नोटिस जारी कर दिया है। अभी तक उनका जवाब नहीं आया है। लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले तीनों विधायकों पर कार्रवाई करेंगे।
दुष्यंत चौटाला का बयान आने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनीपत के मुरथल में कहा कि अगर सही मायने में जजपा विपक्ष के साथ है तो राज्यपाल को लिखकर दे आएं। इसके बाद वह कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल के पास भेजेंगे और सरकार की बर्खास्तगी की मांग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ये सब वोट काटू हैं, इस बात को लोग समझ चुके हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दावे, जिसमें उन्होंने कहा था कि चिंता की बात नहीं, भाजपा के संपर्क में कई विधायक हैं, को भी चुनौती दी। हुड्डा ने कहा कि ऐसा है तो फिर राज्यपाल के सामने जाकर भाजपा बहुमत की सूची पेश कर दे।