यमुनानगर के बिजली निगम में XEN और अकाउंट ब्रांच के कर्मी ने फर्जी बिल बनाकर निगम को 2 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूरे मामले में छानबीन कर रही है। बिजली निगम ने XEN को सेवा से बर्खास्त और दूसरे कर्मी को सस्पेंड कर दिया है।
हरियाणा के यमुनानगर के बिजली निगम में XEN और अकाउंट ब्रांच के कर्मी ने फर्जी बिल बनाकर निगम को 2 करोड़ 1 लाख 28 हजार 255 रुपए का चूना लगा दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूरे मामले में छानबीन कर रही है। बिजली निगम ने XEN को सेवा से बर्खास्त और दूसरे कर्मी को सस्पेंड कर दिया है।
जगाधरी के डीएसपी अभीलक्ष्य जोशी ने बताया कि बिजली निगम में एक्सईएन कुलवंत सिंह और अकाउंट ब्रांच में तैनात राजबीर सिंह को करोड़ों रुपए का गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुलवंत सिंह कुरुक्षेत्र का रहने वाला है, जो कि यमुनानगर में XEN रहा। इसका साथी राजवीर सिंह बदन पुरी का रहने वाला है। वह यमुनानगर में लाइनमैन और अकाउंट ब्रांच में तैनात था।
फर्जी बिल तैयार किए
डीएसपी ने बताया कि दोनों ने फर्म बनाकर बिजली निगम में फर्जी बिल तैयार करके उनके साथ डॉक्यूमेंट लगाकर और कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से 2 करोड़ 1 लाख रुपए से ज्यादा की राशि का गबन किया है। इसको लेकर एक्सइएन (O) पवन नरूला की शिकायत पर थाना शहर में केस दर्ज किया गया था।
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आज इनको कोर्ट में पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। इन लोगों ने किस तरह से फर्म बनाकर उसके साथ फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर फर्जी बिल तैयार किए और किन किन लोगों ने उनका साथ दिया, इसको लेकर उनसे पूछताछ हो रही है।
2 करोड़ से अधिक का घोटाला किया
बताया गया है कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली एजेंसी ने फर्जी बिल लगाकर बिजली निगम को 2 करोड़ से अधिक का घोटाला किया। निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से एजेंसी ने बिलों का भुगतान कराया। एक्सईएन पवन नरूला की शिकायत पर शहर थाना पुलिस ने मैसर्स एसबी रोड लाइन पर केस दर्ज किया।
एक्सईएन पवन नरूला ने शिकायत में बताया कि एजेंसी ने बिजली निगम में फर्जी बिल जमा कराए और 2 करोड़ रुपए का भुगतान निगम कार्यालय से करा लिया। वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 के दस्तावेजों की जांच की गई तो सामने आया कि कार्यालय में फर्जी बिल जमा कराए गए हैं। इसकी जांच में तत्कालीन एक्सईएन कुलवंत सिंह ओर कर्मचारी राजबीर का नाम आया था।