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मुआवजे के लिए कृषि निदेशक के नए फरमान से भड़के गोहाना में धरने पर बैठे किसान

खराब फसल का मेरी फसल मेरा ब्यारा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन, नुकसान की पटवारी की गिरदावरी की रिपोर्ट की प्रति मांगी

 

भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष का आरोप : अधिकारी पूर्व सी.एम. के वायदे को झुठलाने पर तुले, अब किसान बनाएंगे आगे के आंदोलन की रणनीति

गोहाना :-2 मई : सोनीपत जिले के किसान 2021 और 2022 के रबी और खरीफ फसलों के नुकसान के मुआवजे के लिए 123 दिन से शहर के लघु सचिवालय में बेमियादी धरने पर बैठे हैं। गुरुवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने नया फरमान भेजा जिसमें पीड़ित किसानों से खराब फसल का मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल का रजिस्ट्रेशन और नुकसान की पटवारी की गिरदावरी की प्रति मांग ली गई। किसानों ने इसे देने से साफ इंकार कर दिया। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि अधिकारी पूर्व सी. एम. मनोहर लाल खट्टर के वायदे को झुठलाने और सरकार को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। धरना स्थल पर शुक्रवार की दोपहर 12 बजे अगले आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

किसान रिलायंस बीमा कम्पनी पर पहले दिन से गंभीर आरोप लगा हैं। उनमें रोष है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आला अधिकारी किसानों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं तथा कम्पनी को खुला संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब मुआवजा देने की बारी आई, रिलायंस ने उनकी पॉलिसियां ही रद्द कर दीं तथा केवल प्रीमियम को रिफंड कर कम्पनी ने अपनी जान छुड़वा ली। जिला स्तर की अपील का फैसला किसानों के हक में आ चुका है। कम्पनी ने राज्य स्तर पर चुनौती दे रखी है। फैसला एक महीने में होना था, पर आरोप है कि अधिकारी सवा साल से फाइल को दबाए बैठे हैं। गोहाना का अनिश्चितकालीन धरना केवल गोहाना का न हो कर पूरे सोनीपत जिले का है।

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पिछले महीने जब पूर्व सी.एम. मनोहर लाल खट्टर गोहाना आए थे, तब भाकियू का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। खट्टर ने किसानों से वायदा किया था कि उनको मुआवजा जल्दी मिल जाएगा। उसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी धरना स्थल पर आए। अधिकारियों ने मुआवजे के लिए किसानों से दस्तावेज दोबारा जमा करवाने के लिए कहा। किसान भड़क गए और पुन: दस्तावेज देने से स्पष्ट मना कर दिया। उसी के बाद भाजपा के किसान मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजेश दहिया धरना स्थल पर आए। दहिया ने कहा कि मुआवजा रिलीज हो गया है तथा किसानों के खातों में इसी सप्ताह ट्रांसफर हो जाएगा।

ऐसे में जब किसान मुआवजा आने की प्रतीक्षा कर रहे थे, गुरुवार को पंचकूला से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पंचकूला का एक फरमान आ गया। इस फरमान में कहा गया कि मुआवजा पाने के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर उस फसल के रजिस्ट्रेशन और पटवारी द्वारा नुकसान की गिरदावरी का रिकॉर्ड देना होगा । भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि इस आदेश का कोई औचित्य इस लिए नहीं है कि जिन किसानों को मुआवजा दिया गया, उनमें से किसी से भी ऐसे कोई दस्तावेज जमा नहीं करवाए गए। वैसे भी इसका पूरा लेखा-जोखा पहले से सरकार के पास मौजूद है।

सत्यवान नरवाल ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी रिलायंस कम्पनी के एजेंट बन गए हैं। वे पूर्व सी. एम. मनोहर लाल खट्टर को किसानों की नजरों में गिराना चाहते हैं । भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि शुक्रवार की दोपहर 12 बजे धरना स्थल पर आपात बैठक होगी। इसी बैठक में आगे के आंदोलन की कड़ी रणनीति बनाई जाएगी।

Khabar Abtak

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