हरियाणा में AAP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता की राज्यसभा से छुट्टी, पार्टी ने उन्हें दूसरे टर्म के लिए नहीं किया नॉमिनेट, स्वाति मालीवाल को बनाया उम्मीदवार, गुप्ता लड़ सकते है लोकसभा चुनाव
दिल्ली :-हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता की राज्यसभा से छुट्टी कर दी है। पार्टी ने उन्हें दूसरे टर्म के लिए नॉमिनेट नहीं किया है। उनकी जगह स्वाति मालीवाल को पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया गया है।
इस पर सुशील गुप्ता ने कहा है कि उन्होंने यह पद इसलिए छोड़ा है कि अब वह हरियाणा पर फोकस करेंगे। पार्टी की ओर से उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे वह पूरा करेंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक वह मई में संभावित लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगे। हालांकि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे इस पर फैसला I.N.D.I.A गठबंधन के साथ शीट शेयरिंग पर चर्चा के बाद ही होगा।
तीन सांसदों का होना है चुनाव
अभी आप नेता संजय सिंह के अलावा दिल्ली से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता और नारायण दास गुप्ता राज्यसभा से सदस्य हैं। इसमें नारायण दास गुप्ता और संजय को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि सुशील कुमार गुप्ता की जगह स्वाति मालीवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। नामांकन प्रक्रिया 2 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होने के साथ शुरू हो चुकी है, 9 जनवरी पर्चा दाखिल करने की लास्ट डेट रखी गई है।
2013 में छोड़ी थी कांग्रेस, फिर AAP से चुने गए राज्यसभा सदस्य
सुशील गुप्ता ने कांग्रेस से 28 नवंबर 2013 को इस्तीफा दे दिया था। उस समय दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने ट्वीट कर उनसे पार्टी छोड़ने की वजह पूछी थी। तब उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सीट देने का वादा किया है।
इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2018 में राज्यसभा से प्रत्याशी बनाया था। आप के द्वारा उन्हें राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने पर अब पार्टी छोड़ चुके कवि कुमार विश्वास ने काफी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने उन्हें बाहरी तक कह डाला था।
AAP के खिलाफ लड़ चुके चुनाव
डॉ सुशील गुप्ता पहले कांग्रेसी नेता थे। उन्हें 2013 में दिल्ली के मोतीनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था। तब उनके सामने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप सिंह चन्ना थे। गुप्ता यह चुनाव हार गए थे।
वह दिल्ली और हरियाणा में गंगा इंटरनेशनल स्कूल के नाम से शैक्षणिक संस्थान भी चलाते हैं। पश्चिमी दिल्ली में उनका महाराजा अग्रसेन अस्पताल भी चलता है। राजनीति में सक्रिय होने से पहले सुशील गुप्ता फेमस शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता रह चुके हैं।