गोहाना बार एसोसेशन चुनाव : लगातार तीसरी बार अध्यक्ष बन,वीरेंद्र आर्य ने लगाई हैट्रिक ; उपाध्यक्ष-महासचिव पदों के लिए 15 को होगा मतदान, 6 में से 4 पदों पर निर्विरोध जीते प्रत्याशी
गोहाना :-7 दिसम्बर : नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया ने गोहाना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार निर्विरोध कर दिया। वीरेंद्र आर्य लगातार तीसरी बार इस बार के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई। बार एसोसिएशन के 6 में से 4 पदों के लिए निर्विरोध निर्णय हो गए। 15 दिसंबर को उपाध्यक्ष और महासचिव के दो पदों के लिए ही चुनाव होगा। दोनों पदों के लिए आमने-सामने की सीधी टक्कर होगी।
गोहाना बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को पूर्ण हो गई। बार का चुनाव आर. ओ. इंद्र सिंह भनवाला, ए. आर. ओ. रविंद्र शर्मा और ए. आर. ओ. संदीप सैनी करवा रहे हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में सह-सचिव पद के लिए केवल गायत्री और लाइब्रेरी इंचार्ज के पद के लिए रविंद्र कुमार ने ही नामांकन भरे। ऐसे में दोनों प्रत्याशी प्रारंभिक स्तर पर ही निर्विरोध निर्वाचित हो गए।
नामांकन वापसी की प्रक्रिया ने दो और पदों का निर्विरोध चुनाव प्रशस्त कर दिया। अध्यक्ष पद और कोषाध्यक्ष पद के लिए एक-एक को छोड़ शेष प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिए। अध्यक्ष पद के लिए वीरेंद्र आर्य निर्विरोध चुन लिए गए। उनके मुकाबले में खड़े उमेश विज और संदीप पूनिया ने अपने-अपने नामांकन वापस ले लिए।
इसी तरह से कोषाध्यक्ष पद के लिए प्रदीप वर्मा और बलराज राठी मैदान में थे । बलराज राठी ने नाम वापस ले लिया। ऐसे में प्रदीप वर्मा भी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। उपाध्यक्ष पद और महासचिव पद के लिए भी अंतिम क्षण तक प्रयास होते रहे कि उनके चुनाव भी निर्विरोध हो जाएं, लेकिन बात नहीं बन सकी। उपाध्यक्ष पद के लिए शुभम जैन और आशीष बंसल ने नामांकन भरे थे। दोनों में से किसी ने भी नाम वापस नहीं लिया। ऐसे में अब दोनों में सीधी टक्कर होगी।
महासचिव के पद के लिए तीन नामांकन भरे गए थे। ये नामांकन हेमंत शर्मा, मनजीत लठवाल और अजीत सिंह के थे। इनमें से अजीत सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया। इससे अब मनजीत लठवाल और हेमंत शर्मा में आमने-सामने का मुकाबला होगा।
विशेष उल्लेखनीय है कि लगातार तीसरी बार अध्यक्ष बनने वाले वीरेंद्र आर्य पहली बार निर्विरोध बने हैं। 2021 में उन्होंने कृष्ण मलिक और 2022 में कुलदीप शर्मा को सीधी टक्कर में हार का स्वाद चखाया था। वीरेंद्र आर्य के पिता ठेकेदार जय सिंह भी इस बार के अध्यक्ष रह चुके हैं।