अब बेटी नहीं है बोझ: गुरुग्राम में सात साल में 942 हुआ लिंगानुपात, बेटियों को जन्म देने में अब नहीं हिचक रहे लोग
रूढ़िवादी लोग मानते थे कि बेटियां बोझ होती हैं। यही वजह रही कि जिले का लिंगानुपात साल 2011 तक मात्र 834 था, लेकिन साल 2015 में आपकी बेटी हमारी बेटी योजना के शुभारंभ के बाद से बेटियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।
गुरुग्राम :-हरियाणा सरकार ने वर्ष 2015 में बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘आपकी बेटी हमारी बेटी योजना’ की शुरुआत की थी। इसमें बेटियों के जन्म पर 21 हजार रुपये का आर्थिक लाभ दिया जाता है, ताकि लिंगानुपात को सुधारा जा सके। इसका असर गुरुग्राम जिले में देखने को मिल रहा है। पिछले सात साल में लिंगानुपात 875 से बढ़कर 942 हो गया है। वहीं, साल 2011 में हजार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 834 लड़कियां थी, जबकि उस समय राष्ट्रीय औसत 919 था। बेटियों को जन्म देकर योजना का लाभ लेने वालों की संख्या 12,185 हो गई है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अनुसार प्रति वर्ष औसतन 1500 लोग इस योजना का लाभ ले चुके हैं।
किसी भी वर्ग से संबंधित व्यक्ति योजना का ले सकता है लाभ
महिला एवं बाल कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2015 में जब से योजना आई है, तब से प्रत्येक वर्ष लाभार्थियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह दर्शाता है कि अब जिले में बेटियों को जन्म देने में लोग हिचक नहीं रहे हैं। रूढ़ियों को तोड़नें में यह योजना बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। योजना का लाभ राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के घर पहली बेटी के जन्म लेने पर प्रदान किया जाता है। दूसरी व तीसरी बेटी होने पर किसी भी वर्ग से संबंधित व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है। एक दशक पहले तक दक्षिण हरियाणा की स्थिति लिंगानुपात के मामले में बेहद खराब थी। लेकिन अब धीरे-धीरे ही लड़कियों के जन्म के लिए हालात क्षेत्र में अनुकूल होत जा रहे हैं, जिसका परिणाम है कि सात साल में संख्या 875 से 67 अंक बढ़कर 942 तक पहुंच गई है।
जिले का लिंगानुपात
साल लिंगानुपात
2015 875
2016 883
2017 903
2018 901
2019 910
2020 921
2021 908
2022 942
योजना के लिए पात्रता
योजना में आवेदन करने वाला परिवार हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए। आवेदन के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पात्र, जाति प्रमाण पत्र, बालिका जन्म प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। योजना के लाभ के लिए नजदीकी आंगनबाड़ी केेंद्र में जाकर पर्चा भर सकते हैं। इसके अलावा सरल पोर्टल के जरिए ऑनालाइन आवेदन की सुविधा भी दी गई है।
योजना का उद्देश्य
1. लिंग पक्षपात खत्म करना है।
2. भ्रूण हत्या जैसे अपराधों पर रोक लगाना।
3. लड़कों के मुकाबले लडकियों की संख्या को बढ़ावा देना।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग गुरुग्राम की परियोजना अधिकारी मीनाक्षी ने कहा कि समाज में रूढ़िवादी लोग मानते थे कि बेटियां बोझ होती हैं। यही वजह रही कि जिले का लिंगानुपात साल 2011 तक मात्र 834 था, लेकिन साल 2015 में आपकी बेटी हमारी बेटी योजना के शुभारंभ के बाद से बेटियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका नतीजा है कि जिले का लिंगानुपात बढ़कर 942 तक पहुंच गई है।