गोहाना :- 12 अक्तूबर : गुरुवार को राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बरोदा हलके के भैंसवाल कलां गांव में प्रवेश मलिक, सुनील मलिक और मुस्कान मलिक, बिचपड़ी गांव में साक्षी पूनिया, रिढाणा गांव में पूजा नरवाल को सम्मानित किया। इन छहों खिलाड़ियों ने चीन में हुए 19वें एशियन गेम्स में पदक जीते हैं। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार से मांग की कि दूसरे प्रदेशों से खेल कर जीतने वाले खिलाड़ियों को भी पूरा मान-सम्मान दें। दीपेंद्र ने कहा कि हुड्डा सरकार के समय जब भी कोई खिलाड़ी बड़ा अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर आता था तो सरकार की तरफ से पद के साथ ही भरपूर पैसा और लाखों की हाजिरी में उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम होता था। तब की सरकार के समय पदक लाओ पद पाओ की नीति के तहत 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को डी.एस.पी., इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर सहित विभिन्न सरकारी पदों पर सीधे नौकरियां दी गई थी। राज्यसभा सांसद ने नाराजगी जाहिर की कि पिछले 9 साल से न तो पदक विजेता खिलाड़ियों को मान-सम्मान मिला, न तो पदक लाओ – पद पाओ नीति के तहत सरकारी नियुक्तियां मिली।
उन्होंने मांग की कि जो खिलाड़ी हरियाणा के हैं, लेकिन दूसरे प्रदेशों से खेलकर देश के लिए पदक जीतते हैं, उन खिलाड़ियों को भी या तो पूरा इनाम दें या हरियाणा में उसी पद पर नियुक्त करें। दीपेन्द्र ने यह भी एलान किया कि अगर भाजपा – जजपा गठबंधन की सरकार ऐसा नहीं करेगी तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर पदक लाओ, पद पाओ’ नीति फिर से लागू कर पदक विजेताओं को पद, पैसा और प्रतिष्ठा दिए जाएंगे। दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चीन एशियाड में 107 पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में 33 मेडल अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ी हमारे हरियाणा की पहचान हैं।
पहले के जमाने में कहा जाता था कि पढ़ोगे, लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब। हमने हरियाणा में उसको बदलने का प्रयास किया और कहा कि खेलोगे कूदोगे होगे लाजवाब और पढ़ोगे, लिखोगे तो होगे कामयाब । राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार ने खिलाड़ियों के हित की खेल नीति बनाकर हरियाणा को खिलाड़ियों की खान बना दिया। इस नीति का ही परिणाम रहा कि प्रदेश के युवाओं में खेल को करियर बनाने का नया जुनून तैयार हुआ और ओलिंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और विश्व चैंपियनशिप में हरियाणा के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा मेडल जीतकर देश की झोली में डाले।
बच्चों में शुरुआती उम्र से ही खेल प्रतिभा को निखारने के लिए हुड्डा सरकार ने स्कूली बच्चों के लिये अनिवार्य ‘स्पैट’ नीति बनाई थी, जिसके तहत शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बच्चों को 1500-2000 रुपये का मानदेय मिलता था।
उन्होंने यह भी बताया कि हुड्डा सरकार ने 2008 के ओलंपिक खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों का नागरिक अभिनंदन किया था। 2010 में कॉमनवेल्थ खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों का राई में नागरिक अभिनंदन किया था। 2012 में पदक विजेता खिलाड़ियों का गोहाना में सार्वजनिक अभिनंदन किया था। लेकिन दुख की बात है कि मौजूदा सरकार ने पदक विजेता खिलाड़ियों के सार्वजनिक अभिनंदन की प्रथा को ही खत्म कर दिया, साथ में खिलाड़ियों के हित की पदक लाओ, पद पाओ जैसी योजनाओं को भी बंद कर दिया।
इस अवसर पर विधायक जगबीर सिंह मलिक, विधायक इंदुराज नरवाल, प्रो. वीरेंद्र सिंह, पूर्व विधायक पदम सिंह दहिया, जीता हुड्डा, ललित पवार, डॉ. कपूर सिंह नरवाल, मनोज रिढ़ाऊ, दुष्यंत लठवाल, रवि इंदौरा, कुलदीप गंगाणा, अनूप मलिक, परमेंद्र जौली, देवेंद्र शर्मा, मुकेश तायल, बंसी वाल्मीकि, रविंद्र मोर, रणदीप उर्फ नान्हा मलिक, कंवर भावड़, डॉ. दिलबाग खान, प्रेमवती भनवाला, राजकुमार शर्मा आदि भी उपस्थित रहे।



