कुश्ती विवाद में पहलवानों के प्रदर्शन पर पड़ा एशियन गेम्स से पहले शुरू हुई रार का असर, सोने से भटके ये खिलाड़ी
एशियन गेम्स से पहले कुश्ती में शुरू हुई रार का असर पहलवानों के प्रदर्शन पर देखने को मिली है। यही कारण रहा कि इस बार पहलवान अपनी स्वर्णिम आभा नहीं बिखेर सके और पिछले दो एशियन गेम्स की तरह सोना सभी पहलवानों के हाथ से छिटक गया।
सोनीपत :- प्रदेश की खेल प्रतिभाओं का नाम जेहन में आते ही सबसे पहले अखाड़ों में जोर-आजमाइश करते पहलवानों की याद आती है। पिछले एक दशक से प्रदेश के पहलवानों ने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकाते हुए हरियाणा को अलग पहचान दी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के छोरे-छोरियां देश को पदक दिलाने को बेताब रहते हैं, लेकिन इस बार एशियन गेम्स से पहले कुश्ती में शुरू हुई रार का असर पहलवानों के प्रदर्शन पर भी पड़ा।
यही कारण रहा कि इस बार पहलवान अपनी स्वर्णिम आभा नहीं बिखेर सके। बेशक दीपक पूनिया ने रजत पदक के साथ उम्मीद जगाई और पांच अन्य पहलवान भी कांसा जीतने में सफल रहे, लेकिन पिछले दो एशियन गेम्स की तरह सोना सभी पहलवानों के हाथ से छिटक गया।
बजरंग हारे, किसी पहलवान को नहीं मिला सोना
लगातार विवाद के चलते बजरंग पूनिया की तैयारी पर भी असर दिखा। वह हांगझोऊ में बेहतर प्रदर्शन नहीं दोहरा पाए और सेमीफाइनल में हार के बाद वह कांस्य पदक के लिए हुई कुश्ती में भी हारकर बाहर हो गए। उनके अलावा भारतीय दल में शामिल 17 अन्य पहलवान भी सोना नहीं दिला सके।एशियन गेम्स में पहलवानों का अब तक का प्रदर्शन
वर्ष 2023 : हांगझोऊ में भारत के 18 सदस्यीय दल ने भाग लिया। जिसमें दीपक पूनिया को रजत पदक मिला। उनके अलावा फ्री-स्टाइल में महज अमन सहरावत कांस्य जीत सके। ग्रीको रोमन में सुनील डबरपुर ने कांस्य दिलाया। हालांकि बेटियों ने बेहतर प्रदर्शन किया और अंतिम पंघाल, सोनम मलिक और किरण ने कांस्य पदक दिलाए, लेकिन वह विनेश के पिछले प्रदर्शन तक नहीं पहुंच सकीं।



