एशियन गेम्स में कबड्डी में छा गए म्हारे खिलाड़ी, सोने के दो तमगे दिलवाए, सोनीपत के छह खिलाड़ी रहे शामिल
सोनीपत के छह खिलाड़ी महिला व पुरुष दोनों वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। फाइनल में सोनीपत के गांव भैंसवाल के प्रवेश और सुनील ने बेहतर खेल दिखाया। महिला वर्ग में मुस्कान, साक्षी और पूजा ने प्रतिनिधित्व कर देश को सोना दिलाया।
गोहाना :- चीन के हांगझोऊ में आयोजित हो रहे एशियन गेम्स में कबड्डी के फाइनल मुकाबले में भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने कांटे के मुकाबले में सोना जीतकर देश का मान बढ़ाया। महिला टीम ने सोना जीत कर देश के लिए एशियाई खेलों में पदकों का शतक पूरा किया। जिससे खुशी और भी बढ़ गई। दोनों टीमों में सोनीपत के तीन-तीन खिलाड़ी शामिल थे। सोने के पदक जीतने पर उनके परिजनों ने खुशी मनाई। अब उनके घर लौटने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा।
शनिवार सुबह भारतीय महिला कबड्डी टीम ने देशवासियों को खुशी मनाने का अवसर दिया। टीम ने फाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे की टीम को कांटे के मुकाबले में 26-25 अंक से हराया। कबड्डी टीम में सोनीपत की तीन खिलाड़ियों ने देश का प्रतिनिधित्व किया। भैंसवाल की मुस्कान, बिचपड़ी की साक्षी और रिंडाना की पूजा नरवाल शामिल रहीं।
वहीं एशियन गेम्स में शनिवार को खेले गए कबड्डी के फाइनल मुकाबले में काफी उतार-चढ़ाव के बाद भारतीय दल सोना जीतकर अपनी पुरानी बादशाहत प्राप्त करने में सफल रहा। टीम ने ईरान को 33-29 अंक से हराकर वर्ष 2018 में सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुका लिया।
इससे पहले भारत वर्ष 1990 से लगातार स्वर्ण जीत रहा था। हालांकि फाइनल में काफी देर तक हंगामा भी हुआ। प्रतियोगिता में पुरुष टीम में सोनीपत के दो खिलाड़ियों भैंसवाल के प्रवेश व सुनील ने भाग लेकर बेहतर प्रदर्शन किया। भारतीय टीम की जीत से खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है।
भैंसवाल में जमकर मनाई खुशी
भारतीय टीम में भैंसवाल के दो खिलाड़ियों ने देश को स्वर्ण दिलाने में अपना योगदान दिया। सुनील व प्रवेश दोनों खिलाड़ी प्रशिक्षक भूपेंद्र मलिक के मार्गदर्शन में 14 साल से खेल रहे हैं। सुनील परिवार में बड़ा है और छोटा भाई सुमित (छोटू) भी सुनील से प्रेरणा लेकर कबड्डी खेल रहा है। सुमित ने बताया कि परिवार का सपना था कि सुनील देश के लिए स्वर्ण पदक जीते। सुनील ने परिवार के सपने को साकार किया है। सुनील चार साल से रेलवे में नौकरी कर रहा है। प्रवेश के पिता राजू की मौत करीब 10 साल पहले हो गई थी। प्रवेश के बड़े भाई स्वेश मलिक कबड्डी खेलते थे। उन्होंने भाई को खेल के लिए प्रेरित किया और उन्होंने आज देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है।

सोनीपत के गांव भैंसवाल में प्रवेश के घर पर कबड्डी का मुकाबला देखते परिजन व ग्रामीण।
बेहतरीन खेल से मिले सोने के तमगे
महिला कबड्डी टीम के हाई प्रफोर्मेंस डायरेक्टर एवं द्रोणाचार्य आवार्डी रामबीर खोखर ने कहा एशियन गेम्स में दोनों टीम लगातार बेहतर प्रदर्शन कर सोना जीतने में कामयाब रहीं। हर देशवासी को बधाई। दोनों ही वर्ग में टीमों ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर देश के खिलाड़ियों ने अपनी बादशाहत कायम की है।



