एशियन गेम्स में कुश्ती में गोहाना की सोनम ने दिलाया कांस्य, बजरंग की हार से कुश्ती प्रेमियों में निराशा
सोनम मलिक ओलंपियन साक्षी मलिक को हराकर चर्चा में आई थीं। सोनम ने एशियन गेम्स में 62 किलोग्राम भारवर्ग में चीन की जिया लोंग को 7-5 से हराया। सोनम मदीना स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस खेल अकादमी में हर रोज चार से पांच घंटे अभ्यास करती हैं।
गोहाना :- चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियन गेम्स में सोनीपत के गांव मदीना की बेटी सोनम मलिक ने कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत की झोली में एक और पदक डाल दिया है। सोनम मलिक ओलंपियन साक्षी मलिक को हराकर चर्चा में आई हुई थीं।
प्रशिक्षक अजमेर सिंह ने बताया कि सोनम ने एशियन गेम्स में 62 किलोग्राम भारवर्ग में चीन की जिया लोंग को 7-5 से हराया। सोनम मदीना स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस खेल अकादमी में हर रोज चार से पांच घंटे अभ्यास करती हैं। उनका जन्म 15 अप्रैल 2002 को मदीना में हुआ था। उनके पिता राजिंद्र मलिक भी पहलवान रह चुके हैं। 
सोनम ने पिता और चचेरे भाई से प्रभावित होकर पहलवान बनने का निर्णय लिया था। बेटी की रुचि को देखते हुए उनके पिता ने अपने गांव की अकादमी में उन्हें भेजना शुरू किया था। वर्ष 2019 में कोहनी में लगी चोट ने उन्हें काफी परेशान किया था। वह 2016 में नेशनल स्कूल गेम्स में स्वर्ण, वर्ष 2017 में कैडेट नेशनल चैंपियनशिप में रजत, विश्व स्कूली गेम्स में स्वर्ण, कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य, वर्ष 2018 में कैडेट एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप और कैडेट विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते थे।

बेटी सोनम मलिक के एशियन गेम्स में कांस्य जीतने पर आ रही बधाई कॉल पर बातचीत करते परिजन।
इसके बाद 2019 में सोनम ने कैडेट विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में फिर से सोना जीता था। वह अप्रैल 2021 में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्लालिफाई कर गई थीं। लेकिन चोटिल होने के कारण पदक नहीं जीत पाई थीं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। वह खेल विभाग में अपने गांव मदीना में ही वरिष्ठ प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
बजरंग पूनिया की हार से कुश्ती प्रेमियों में निराशा
पहलवान बजरंग पूनिया की हार से खेल प्रमियों में निराशा है। राष्ट्रमंडल खेलों में चोट से उभरकर शानदार वापसी करने वाले बजरंग एशियन गेम्स में अपने प्रदर्शन को नहीं दोहरा सके। वर्ष 2018 के एशियन गेम्स में स्वर्ण जीतने वाले बजरंग सेमीफाइनल मुकाबले में ईरान के अमजद खलीली ने 8-1 से हारकर कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में जापान के यामागुची से 10-0 से हार गए। दिल्ली में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था। बजरंग पूनिया ने वर्ष 2014 में एशियाई खेलों में देश को रजत दिलाया था। वर्ष 2017 में इस पदक को स्वर्ण में बदल दिया। इसके बाद वर्ष 2018 में राष्ट्रमंडल व एशियन गेम्स खेलों में स्वर्ण पदक जीते। वर्ष 2019 में बजरंग को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया। वर्ष 2020 में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और वर्ष 2022 में राष्ट्रमंडल में सोना जीतकर देश का नाम रोशन किया था।



