हरियाणा सरकार ने सूबे के आंदोलनरत 15 हजार क्लर्कों को दी बड़ी राहत ; नो वर्क नो पे के फैसले को लिया वापस, स्ट्राईक के समय को लीव ऑफ काइंड ड्यू माना जाएगा, सर्विस ब्रेक भी नहीं माना जाएगा ।
हरियाणा सरकार ने सूबे के आंदोलनरत 15 हजार क्लर्कों को बड़ी राहत दी है। सरकार की ओर से स्ट्राइक के दौरान लागू किए गए नो वर्क नो पे के फैसले को वापस ले लिया गया है। साथ ही स्ट्राईक के समय को लीव ऑफ काइंड ड्यू के तौर पर माना जाएगा। सरकार ने एक और राहत क्लर्कों को दी है। सरकार ने फैसला किया है कि स्ट्राइक के समय को सर्विस ब्रेक भी नहीं माना जाएगा।
हरियाणा सरकार ने क्लर्कों की स्ट्राइक के वक्त कि सैलरी जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

5 जुलाई से क्लर्कों ने शुरू की थी स्ट्राइक
क्लर्कों की तरफ से 5 जुलाई को ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर स्ट्राइक का ऐलान किया गया था, जिसके बाद सरकार की तरफ़ से हडताली क्लर्कों के लिए 27 जुलाई को नो वर्क नो पे के आदेश जारी किए थे। जिसे हरियाणा सरकार ने देर रात 6 सितंबर को सरकार की तरफ़ से वापस ले लिया गया है। हाल ही में हुई क्लर्कों की सरकार के साथ बैठक के बाद स्ट्राइक खत्म हो गई थी।
क्लर्कों के ग्रेड पे को लेकर बनी है कमेटी
मीटिंग में सरकार की और से 21,700 पे स्केल का ऑफर दिया गया था, लेकिन एसोसिएशन ने इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद इस मामले में 2 रिटायर्ड IAS अधिकारियों समेत चार से पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी 3 महीने क्लर्कों की सभी मांगों पर चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। तब तक राज्य व्यापी क्लर्कों की हड़ताल स्थगित रहेगी। हड़ताल के दौरान सभी क्लर्कों को सरकार ने रुकी हुई सैलरी देने का भी फैसला किया है।

सरकार ने लगा दिया था एस्मा
हड़ताल पर चले रहे क्लर्कों को मनाने के लिए अब तक 5 दौर की मीटिंग हो चुकी है। हालांकि सरकार ने देर रात हुई मीटिंग से पहले एस्मा (हरियाणा आवश्यक सेवा-अनुरक्षण अधिनियम) लगा दिया था। मुख्य सचिव संजीव कौशल की और से शनिवार को हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने का आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है।



