एशियाई गेम्स में पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट काे बिना ट्रायल के सीधा भेजने के विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसको लेकर गुरुवार को हरियाणा के हिसार के हांसी में बरवाला बाइपास रोड स्थित शहनाई पैलेस में मिशन ओलिंपिक खेल महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें ओलिंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत सहित हरियाणा की दर्जन भर खाप पंचायतों के प्रतिनिधि व कई पहलवान उपस्थित रहे। महापंचायत अभी चल रही है।
खेल महापंचायत में एडहॉक कमेटी द्वारा एशियाड खेलों में पहलवानों को सीधा प्रवेश दिए जाने का विरोध किया गया। अधिकांश खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि ट्रायल के बिना बजरंग व विनेश का सिलेक्शन किया जाना गलत है। खाप पंचायतों व पहलवानों ने ट्रायल का समर्थन किया। खाप पंचायतों का कहना है कि जब बृजभूषण शरण सिंह के साथ लडाई थी तो बजरंग व विनेश का पूरा सहयोग किया, लेकिन बिना ट्रायल के सीधा सिलेक्शन किया जाना गलत है।
चायत में ओलंपियन योगेश्वर दत ने कहा कि फेडरेशन द्वारा दोनों खिलाड़ियों का नाम भेजा जा चुका है। बिना ट्रायल के दोनों का चयन हुआ है। यह प्रथा पहले से चली आ रही है। इसे बंद किया जाना चाहिए। इस खेल महापंचायत का आयोजन प्रो. स्पोर्ट्स लीग संस्था द्वारा किया गया।
बता दें की 22 जुलाई को दिल्ली में एशियाड खेल चयन के लिए जो ट्रायल हुआ था। उसमें पुरुष वर्ग 65 किलोग्राम में गांव सिसाय निवासी विशाल कालीरामन ने 5 मुकाबले जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। महिला वर्ग में हिसार के गांव भगाना निवासी अंतिम पंघाल ने भी सभी प्रतिभागियों को हराकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। परंतु चयन कमेटी ने बजरंग पूनिया और विनेश फौगाट को बिना ट्रायल दिए ही चयन कर लिया। हिसार के इन दोनों विजेताओं को स्टैंड बाय रख लिया।
संस्था के अध्यक्ष सुरेंद्र कालीरावण ने आरोप लगाया कि विशाल कालीरामन और अंतिम पंघाल की ट्रायल न करवा कर चयन कमेटी द्वारा एशियाड की लिए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट का सीधा नाम खेल मंत्रालय को भेज दिया। जो भी खिलाड़ी पहले एशियाड खेलेगा और उसके बाद विश्व चैम्पियनशिप खेलेगा, वही ओलिंपिक में भाग ले पाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि जो चयन प्रक्रिया थी, यह लोकतांत्रिक नहीं थी।