एक गतिशील नौकरशाही और प्रगतिशील राजनीतिक प्रणाली भारत को बदल सकती है : अमिताभ कांत
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के 16वें वर्षगांठ और यूनिवर्सिटी डे के अवसर पर बोलते हुए,

सोनीपत,(अनिल जिंदल), 01 अक्टूबर : ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के 16वें वर्षगांठ और यूनिवर्सिटी डे के अवसर पर बोलते हुए, भारत के पूर्व जी 20 शेरपा, श्री अमिताभ कांत ने जोर देकर कहा कि एक गतिशील नौकरशाही और प्रगतिशील राजनीतिक प्रणाली भारत को बदल सकती है।
“द इंडिया स्टोरी, ब्रांड इंडिया” विषय को संबोधित करते हुए, श्री कांत ने 2047 तक भारत को $30+ ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रमुख आवश्यकताओं को रेखांकित किया, जिनमें शामिल हैं:
नवाचार और विकास: उन्होंने इस दृष्टिकोण के लिए आवश्यक नौ गुना जीडीपी वृद्धि हासिल करने हेतु नवाचार, अनुसंधान, बेहतर शहरीकरण और मजबूत विनिर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।
नौकरशाही और शासन : भारत को “एक गतिशील और जीवंत नौकरशाही—नवाचारी, रचनात्मक और परिवर्तनकारी—साथ ही एक सूत्रधार और उत्प्रेरक” की आवश्यकता है, जिसे “उतनी ही प्रगतिशील और दूरंदेशी” राजनीतिक पारिस्थितिकी द्वारा समर्थित किया जाए।
स्वतंत्र उद्यम: तीन दशकों तक 8–9% की उच्च विकास दर को बनाए रखना “केवल स्वतंत्र उद्यम के दम पर ही हो सकता है।”
संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने श्री कांत की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक प्रेरणा बताया, और कहा कि “ब्रांड अमिताभ कांत भारत की विकास गाथा से अविभाज्य है, जो दूरदर्शिता, कार्रवाई और प्रेरणा को दर्शाता है।” जेजीयू, जिसने 30 सितंबर, 2025 को इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया था, 16 वर्षों में 100 छात्रों से बढ़कर 16,000 छात्र हो गया है।