18वीं शताब्दी के योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर पर गांव खाण्डा में किया गया राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

सोनीपत 29 सितंबर। बाबा बंदा बहादुर ट्रस्ट द्वारा 18वीं शताब्दी के महान योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर की स्मृति में सोनीपत के ऐतिहासिक खांडा गांव स्थित निर्मोही अखाड़ा मठ में एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश भर से विभिन्न विश्वविद्यालयों के इतिहासकार, शोधकर्ता और सिख समुदाय के विद्वान शामिल हुए।
कार्यक्रम में खरखौदा के विधायक पवन खरखौदा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।विधायक पवन खरखौदा ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर एक महान योद्धा थे, बाबा बंदा सिंह बहादुर के विचारों को केवल सुनने तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें एक जनक्रांति का रूप दिया जाए। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चेयर (पीठ) स्थापित करने की मांग का समर्थन करते हुए आश्वासन दिया कि इसकी पैरवी करेंगे।
कार्यक्रम में इतिहासकारों ने अपने विचार रखते हुए बताया कि फरवरी 1708 में बाबा बंदा सिंह बहादुर ने खांडा गांव स्थित निर्मोही अखाड़ा मठ को अपना प्रथम सैनिक मुख्यालय बनाया था। इसी स्थान से उन्होंने सोनीपत और और अन्य स्थलों पर पर अपने पहले ऐतिहासिक हमले की रणनीति बनाई थी। वक्ताओं ने कहा कि देश में पहले स्वदेशी शासन की स्थापना का श्रेय बाबा बंदा बहादुर को ही जाता है। अंत में, निर्मोही अखाड़ा मठ, खांडा की ओर से डॉ. राज सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा और इतिहासकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि खांडा गांव को इतिहास में उचित स्थान दिलाने का प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
हरियाणा और पंजाब से भारी संख्या में सिख संगत ने सेमिनार में भाग लेकर बाबा बंदा सिंह बहादुर के योगदान को नमन किया। इस अवसर पर बाबा बंदा बहादुर ट्रस्ट के अध्यक्ष शिव शंकर पाव, हरपाल सिंह- निर्देशक हरियाणा साहित्य अकादमी, डॉ. लता खेड़ा, असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ.मनप्रीत कौर (चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ), मोहनजीत सिंह, हर्षित गौतम, प्रीतम सिंह पाव, श्री संतलाल,सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
–