पशुपालन विभाग द्वारा यमुना तटीय क्षेत्रों में चलाया गया विशेष जाँच अभियान
150 से अधिक पशुओं की जांच, दवाइयां वितरित, किसानों को किया गया जागरूक

सोनीपत, 08 सितम्बर। यमुना नदी में पिछले कई दिनों से बढ़े जलस्तर के कारण तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। इस कारण पशुओं में बीमारियां फैलने की आशंका को देखते हुए सोमवार को जिला पशुपालन विभाग द्वारा विशेष जांच अभियान चलाया गया।
अभियान के तहत बाढ़ प्रभावित गांवों के पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। विशेष रूप से सबसे अधिक प्रभावित मनौली टोंकी गांव के राहत कैंप में पशुपालन विभाग की टीम पहुंची, जहां 22 किसानों के 150 से अधिक पशुओं की जांच की गई।
उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर यह विशेष जांच अभियान चलाया गया है, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि पशुओं का स्वास्थ्य किसानों की आजीविका से जुड़ा है और प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है।
उपमंडल अधिकारी (पशुपालन एवं डेयरी विभाग) डॉ. बलजीत दलाल के नेतृत्व में लगाए गए इस पशु चिकित्सा शिविर में प्रत्येक पशु का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। पशुओं को आवश्यक दवाइयाँ और कृमिनाशक दवाएँ मुफ्त में उपलब्ध करवाई गईं। जिन पशुओं में बीमारी के लक्षण पाए गए, उनका मौके पर ही उचित इलाज भी किया गया।
पशुपालन विभाग की टीम ने किसानों को बताया कि जलभराव की वजह से पशुओं में त्वचा रोग, खुरपका-मुंहपका, बुखार और आंतों के संक्रमण जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। किसानों को पशुओं की साफ-सफाई, समय पर टीकाकरण और चारे की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग से डॉ. यजेश मलिक, डॉ. सुरेन्द्र मलिक, वीएलडीए मोहन और मुकेश सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं गांव के सरपंच सोनू, श्यामलाल, गजराज सहित बड़ी संख्या में किसान भी उपस्थित रहे |