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ग्राम सुधार समिति खन्दराई ने देश के महान वीर क्रांतिकारी राजगुरु का 117 वां जन्मदिन मनाया

गोहाना, 25 अगस्त : ग्राम सुधार समिति खन्दराई द्वारा देश के महान वीर क्रांतिकारी राजगुरु का 117 वां जन्मदिन मनाया गया तथा गांव के लोगों को उनके विषय में जानकारी दी गई । राजगुरु अमर रहे। शहीदों का सम्मान हो। भारत माता की जय हो। के नारे लगाए गए।

देश को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए बहुत से क्रांतिकारियों ने अपनी कुर्बानी दी। इन्हीं क्रांतिकारियों में से एक राजगुरु भी थे। इनका पूरा नाम शिव राम हरि राजगुरु था। जिनका जन्म 24 अगस्त 1908 को पुणे महाराष्ट्र में हुआ था। 6 वर्ष की आयु में ही उनके पिताजी का देहांत हो गया था। पिताजी के देहांत के बाद यह विद्या अध्ययन और संस्कृत सीखने के लिए वाराणसी चले गए थे। केवल 15 वर्ष की आयु में ही इन्होंने हिंदू धर्म के ग्रन्थों का अच्छा खासा ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

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वाराणसी में विद्या ग्रहण करते समय ही उनकी मुलाकात देश के कुछ क्रांतिकारी से हुई थी। जो देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने की लड़ाई लड़ रहे थे। राजगुरु में छोटी उम्र में ही जंग-ए–आजादी में शामिल होने की लालसा थी। 1924 में राजगुरु हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हो गए थे। यह एसोशिएसन एक क्रांतिकारी संगठन था। जिसको चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव और अन्य क्रांतिकारियों ने बनाया था।

इस एसोशिएसन का लक्ष्य केवल देश को आजाद करवाना था। इस एसोशिएसन से जुड़ने के बाद राजगुरु, भगत सिंह के बहुत अच्छे मित्र बन गए थे। राजगुरु ने साल 1928 में भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी लाला लाजपत राय की हत्या का बदला अंग्रेजों से लिया था। इसी केस में 22 वर्ष की आयु में सन 1931 में राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव को अंग्रेजी हकुमत ने फांसी की सजा दी थी। ऐसे महान वीर सपूतों को भुलाना नही चाहिए। इन्ही वीरों की कुरबानियों के परिणामस्वरूप आज हम स्वतंत्र है।

इस अवसर पर समिति अध्यक्ष जगमहेन्द्र सिंह के साथ राकेश कश्यप, जयभगवान, बिजेंद्र सिंह, माकड, संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।

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