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पीएम इंटर्नशिप योजना का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचाने के लिए करें मिलकर प्रयास-मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी

पीएमआईएस योजना के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर आयोजित वर्कशाप में मुख्य सचिव ने उद्योगपतियों, सरकारी कॉलेज, पॉलिटेक्रिक व आईटीआई के प्रिंसिपलों के साथ किया संवाद

-युवाओं के हुनर को निखारते हुए उन्हें अच्छी कंपनियों में रोजगार प्रदान करने के लिए कारगर सिद्घ हो रही है पीएम इंटर्नशिप योजना

-इस योजना को रोजगारपरक बनाने के लिए बच्चों को करें जागरूक, सभी कॉलेज, पोलिटेक्रिक व आईटीआई प्रिंसिपल कार्ययोजना करें तैयार

सोनीपत,( अनिल जिंदल), 15 जुलाई। हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम देश के युवाओं के लिए एक स्वर्णिम अवसर है, जो उन्हें उद्योगों के साथ जोडक़र उनकी प्रतिभा को निखारने का मौका देता है। हरियाणा सरकार इस योजना को पूर्ण समर्पण के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभी प्रत्येक जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचाने के लिए सभी मिलकर प्रयास करें। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के युवाओं को देशभर की टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर दिया गया है, जिनमें 71 कंपनियां हरियाणा में स्थित हैं।

पीएम इंटर्नशिप योजना(पीएमआईएस) के तहत राजीव गांधी एजुकेशन सिटी राई स्थित आईआईटी दिल्ली एक्सटेंशन टेक्नो पार्क में आयोजित वर्कशॉप में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। श्री रस्तोगी ने वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना युवाओं के हुन्नर को निखारते हुए उन्हें अच्छी कंपनियों में रोजगार प्रदान करने के लिए कारगर सिद्घ होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम को जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाना था, जिससे युवाओं को उद्योगों से जोडक़र व्यावसायिक अनुभव, कौशल वृद्धि और रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जा सकें।

मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि यह योजना केवल एक इंटर्नशिप कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे युवाओं को उद्योगों के साथ जोडऩे और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की एक क्रांतिकारी पहल है। हरियाणा सरकार इसे मिशन मोड में लागू कर रही है। हम चाहते हैं कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र अवसरों से वंचित न रह जाए। उन्होंने सभी संस्थानों से आह्वान किया कि वे योजना के प्रचार-प्रसार को प्राथमिकता दें, छात्रों को मार्गदर्शन दें और उद्योगों के साथ सार्थक सहयोग स्थापित करें। उन्होंने आश्वस्त किया कि लड़कियों के बेहतर भागीदारी के लिए हरियाणा के उद्योगों में महिला इंटर्न के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य होगा।

उपस्थित सभी उद्योगपतियों, सरकारी कॉलेज, पॉलिटेक्रिक, आईटीआई तथा वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालयों के प्रिंसिपलों के साथ सीधा संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि सभी इस योजना को और कैसे बेहतर बनाया जा सके इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार कर उन्हें दे, ताकि इस योजना को प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार सृजन में मील का पत्थर बनाया जा सके। उन्होंने इसके लिए एक महीने में प्रगति रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। इन्ही सुझावों व निर्देशों और अगले कुछ दिनों में उपस्थित सभी लोगों द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर वह दोबारा से इस पूरे कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे।

मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि इस सार्थक विमर्शपूर्ण आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि केवल नीतियों का निर्माण पर्याप्त नहीं, संवाद, सहभागिता और सशक्त कार्यान्वयन से ही योजनाओं के वास्तविक लाभ युवाओं तक पहुंच सकते हैं। यह सेमिनार हरियाणा में रोजगार-सृजन, उद्योग-शिक्षा समन्वय और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर सिद्ध होगा।

भारत सरकार की मनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर मंत्रालय की सचिव दिप्ती गौर मुखर्जी ने ऑनलाईन जुड़ते हुए कहा कि भारत विभिन्न क्षेत्रिय विविधताओं वाला देश है। यहां हर क्षेत्र के लिए रोजगार के नए अवसरों और उसमें युवाओं की रोजगारपरक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस योजना के सपने को साकार किया जा रहा है। उन्होंने देशभर में अलग-अलग स्थानों पर योजना की सफलता व आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10वीं, 12वीं, डिप्लोमा व स्नातक के लिए इंटर्नशिप के अलग-अलग क्षेत्र हैं। ताकि सभी छात्रों का अधिकतम उपयोग किया जा सके।

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वर्कशॉप को संबोधित करते हुए यूथ इंपावरमेंट एंड एंटरप्रनयोरशिप विभाग प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजीव रंजन ने कहा कि हरियाणा में युवाओं की प्राथमिकता सरकारी नौकरी रहती है। लेकिन बच्चों को पढ़ाई के आखिर में यह बताना भी जरूरी है कि उन्हें अच्छी इंटर्नशिप करने के बाद देश की टॉप 500 कंपनियों में भी नौकरी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भी योजना कार्यालय में बैठकर नहीं चला सकते। युवाओं को रोजगार देना है तो बेरोजगार युवाओं को टारगेट करें और उद्योग व युवा के बची तालमेल कर उन्हें रोजगार की तरफ मोड़ें।

वर्कशॉप में मुख्यमंत्री के ओएसडी व शिक्षाविद् राज नेहरू ने भी योजना के बेहतर क्रियान्वियन को लेकर अपने विचार रखे। स्कील डेवलेपमेंट विभाग के निदेशक कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि यह वर्कशॉप युवाओं को बेहतर रोजगार देने में सहायक सिद्घ होगी। इसका हम समय-समय पर रिव्यू भी करेंगे। इस पूरे कार्यक्रम की निगरानी के लिए अतिरिक्त निदेशक संजीव शर्मा को नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया।

बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक एस नारायणन, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेन्द्र कुमार, उपायुक्त सुशील सारवान, डीसीपी प्रबीना पी, मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर मंत्रालय की दिल्ली व हरियाणा क्षेत्र की रजिस्ट्रार ऑप कंपनिज सीमा रथ, डिप्टी डायरेक्टर नितिन फरत्याल, स्किल डवलपमेंट विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक संजीव शर्मा सहित कई वरिष्ठï अधिकारी व उद्योगपति मौजूद रहे।

संवाद, सहभागिता और रणनीति रही सेमिनार की विशेषता:-

सेमिनार की सबसे उल्लेखनीय विशेषता आपसी संवाद और सहभागिता रही। यह कोई एकतरफा भाषणमाला न होकर, संस्थानों और उद्योगों के बीच वास्तविक चुनौतियों, संभावनाओं और समाधान पर खुला विमर्श था। इस दौरान शैक्षणिक संस्थानों के प्रिंसिपलों ने अपनी जमीनी चुनौतियों को रखते हुए इंटर्नशिप की पहुंच, उद्योगों से संपर्क, विद्यार्थियों की तैयारी और जागरूकता जैसे मुद्दों को रेखांकित किया। सभी ने अपने-अपने विचार रखते हुए इस योजना में सुधार और अधिक प्रभावशाली बनाने के बहुमूल्य सुझाव दिए।

वहीं, उद्योग प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें किस प्रकार के कौशल वाले युवा चाहिए, और वे संस्थानों से कैसे साझेदारी कर सकते हैं। इस समग्र संवाद से नीतियों को व्यवहारिक धरातल पर लाने की स्पष्ट दिशा मिली।

पोर्टल और प्रक्रिया की प्रस्तुति:-

कार्यक्रम के दौरान www.pminternship.mca.gov.in पोर्टल की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई, जिसमें आवेदन प्रक्रिया, समय-सीमा, पात्रता मानदंड, और इंटर्नशिप की श्रेणियों के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि यह पोर्टल एक डिजिटल सेतु है जो छात्रों, संस्थानों और उद्योगों को एक साझा मंच पर लाकर पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करता है। इसमें बताया गया कि किस तरह से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हर जरूरतमंद युवा को रोजगार से जोडऩे की सोच को फलीभूत कर आगे बढ़ाया जा रहा है। इस दौरान मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आह्वान किया कि इस पोर्टल व प्रक्रिया को प्रत्येक युवा तक पहुंचाएं। उन्होंने वर्कशॉप में पहुंचे युवाओं से उनके अनुभव पूछे और इसमें यह जानकारी भी ली कि उन्हें इस पोर्टल व योजना के बारे में जानकारी कहां से मिली। इसके बाद उन्होंने कहा कि जिन अध्यापकों ने अपने विद्यार्थियों को इस योजना के बारे में जागरूक कर इंटर्नशिप स्कीम से जोड़ा व लाभ प्रदान किया है उन्होंने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित भी किया जाए।

सहभागियों के विचार और सुझाव:-

वर्कशॉप में भाग ले रहे प्राचार्यों और संस्थागत प्रतिनिधियों ने इस योजना को युवाओं के करियर पथ में परिवर्तनकारी बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इंटर्नशिप की अवधि और पाठ्यक्रम समन्वयित हो, ग्रामीण व दूर दराज के छात्र-छात्रों तक योजना की पहुंच बढ़े, उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिले कि वे अधिक से अधिक इंटर्नशिप अवसर खोलें।

योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का उद्देश्य 21 से 24 वर्ष की आयु के उन युवाओं को व्यावहारिक अनुभव दिलाना है जो पूर्णकालिक शिक्षा या रोजगार में संलग्न नहीं हैं। यह योजना उन्हें विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में 12 महीने की इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करती है।

वित्तीय सहायता

-इस योजना के तहत चयनित इंटर्न को मिलेगा 5,000 रुपये प्रति माह का मानदेय (12 माह के लिए)

-6,000 की एकमुश्त अनुदान राशि (छोटे आवश्यक खर्चों के लिए)

पात्रता मानदंड

-आयु सीमा-21 से 24 वर्ष

-उम्मीदवार पूर्णकालिक छात्र या पूर्णकालिक कर्मचारी न हों

-ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग कर रहे छात्र भी पात्र

न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हाई स्कूल, सीनियर सेकेंडरी, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या बी.ए., बी.कॉम., बी.एससी., बीसीए, बीबीए, बी.फार्मा जैसी स्नातक डिग्रियाँ

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