फर्क नहीं लड़के लड़की म, मत ना गलत व्यवहार करो, भूर्ण हत्या पर रोक लगाओ, बंद यो अत्याचार करो
सोनीपत के ग्यासपुर गाँव में लिंगानुपात सुधार के लिए चला जागरूकता कार्यक्रम
अनिल जिंदल, सोनीपत, 19 मई। उपायुक्त डॉ0 मनोज कुमार के निर्देशन में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत जिले में लिंगानुपात सुधार के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिस गाँव में लिंगानुपात जिले में अपेक्षाकृत कम है उन गांव में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस श्रृंखला सोमवार को ग्यासपुर गाँव में जिला महिला एवं बाल विकास विभाग व जिला लोकसम्पर्क विभाग की टीम द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सीडीपीओ निर्मला देवी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत बताया इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रमुख रुप से लिंगानुपात सुधार के लिए सामाजिक रूढ़ियों और पुरानी मानसिकताओं को बदलना बेहद आवश्यक है। “बेटा-बेटी एक समान” की सोच के प्रति जनसाधारण वर्ग में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है। गांव के माथे से कम लिंगानुपात का कलंक हटाने में सभी ग्रामवासियों को सहभागी बनना आवश्यक है ।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान के दौरान लोक संपर्क विभाग की टीम के सदस्य कुलदीप ने जागरूकता के लिए ग्रामीणों से कहा कि जमीनी स्तर पर आशा वर्कर लिंगानुपात सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकती है। क्योंकि गर्भवती स्त्रियों का संपूर्ण रिकॉर्ड ग्राम स्तर पर आशा वर्कर के पास होता है। यदि किसी भी स्थान पर लिंग जांच जैसी अवैध गतिविधि की जानकारी मिले, तो इसकी सूचना तुरंत महिला सुपरवाइजर व सीडीपीओ के माध्यम से जिला प्रशासन को दें, ताकि इस प्रकार के मामलों में शामिल दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके।
लोक संपर्क विभाग के कलाकार राजीव द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर सुंदर भजन की प्रस्तुति दी गई।
मन मत मरवो मात-पिता थारा प्यार देखना चाहूं लेकर जन्म जगत में संसार देखना चाहूं सूंँ।
पैदा होकर देखूंगी कौन मेरे लाड लडावे गा चाचा ताऊ बाबू दादा कोण मैनें खिलवेगा।
मनै मार क के सुख होगा सच बताओ आप पिता कई जन्म तक उतरे कोना इस हत्या का पाप-पिता।
जिला महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने वीडियो वैन के माध्यम से ग्रामीणों को लिंगानुपात सुधार और बेटियों की शिक्षा व सुरक्षा को लेकर जागरूक किया गया । इस दौरान सीडीपीओ निर्मला देवी व सुपरवाइजर अनुभा द्वारा लिंगानुपात सुधार के लिए आंगनबाड़ियों में गोद भराई रस्म, कुआं पूजन, गर्भवती स्त्रियों के लिए सेल्फी प्वाइंट, लड़कियों द्वारा पौधारोपण व गर्भावस्था में संतुलित भोजन का प्रबंध करना, ग्रामीण स्तर पर गर्भवती महिलाओं का पूर्ण रिकॉर्ड आशा वर्करो के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इस दौरान लोक संपर्क विभाग की टीम व महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा ग्रामीण महिलाओं को शपथ दिलाई गई कि वे बेटा बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे व अपनी बेटियों को आगे बढ़ने का समान अवसर देगी।
इस जागरूकता अभियान के दौरान जिला महिला बाल विकास विभाग की टीम, जिला लोक संपर्क विभाग की टीम, गांव की महिला पंच, वह आशा वर्करों ने ग्रामीणों में जागरूकता पैदा करने व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाने का संदेश दिया।