बढई से राष्ट्रपति तक का सफर तय किया ज्ञानी जैल सिंह ने : आजाद डांगी
गोहाना, 5 मई : गोहाना के गांव बड़ौता में ज्ञानी जैल सिंह की 109 वी जयंती सिख सिकलीगर सेवा फेडरेशन के तत्वाधान में मनाई गई मुख्य अतिथि आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने कहा ज्ञानी जैल सिंह ने अपने जीवन में बढई से लेकर भारत के सातवे राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय किया उनका जन्म 5 मई 1916 को पंजाब के फरीदकोट जिले के सांधवान गांव में पिता किशन सिंह व माता इंद्र कौर के घर विश्वकर्मा परिवार में हुआ उनका वास्तविक नाम जरनैल सिंह था गुरु ग्रंथ साहिब जुबानी याद करने की वजह से उनको ज्ञानी की उपाधि मिली और कई बार जेल जाने की वजह से उन्होंने अपना नाम ज्ञानी जैल सिंह रख लिया 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया ब्रिटिश शासन के खिलाफ विभिन्न विरोध प्रदर्शनों और आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए उनको कई बार जेल जाना पड़ा वे पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री भी बने 1982 में ज्ञानी जैल सिंह अपने कैरियर के शिखर पर पहुंचे जब उन्हें भारत का सातवां राष्ट्रपति चुना गया जयंती समारोह की अध्यक्षता फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष दारा सिंह ने की उन्होंने कहा ज्ञानी जैल सिंह अपनी विनम्रता और गरीबों तथा वंचितों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं जयंती समारोह में दलित एवं पिछड़ा वर्ग महासभा महिला विंग की अध्यक्ष सत्यवती पांचाल के अलावा बारु सिंह डांगी, सतनाम सिंह, केसर सिंह, राजकुमार सिंह ,अमृतलाल सैनी, गोविंद सिंह डांगी, ईश्वर सिंह , कृष्ण पांचाल तथा सरदार गोविंद सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे |