विश्व मलेरिया दिवस पर जन-जागरूकता रैली, प्रतियोगिताएं व जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित
"हमने है यह ठाना, मलेरिया को है जड़ से मिटाना" - सिविल सर्जन डॉ. ज्योत्सना
सोनीपत, 25 अप्रैल। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन कार्यालय, सोनीपत द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ. ज्योत्सना ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया, जिसकी अगुवाई एसएमआई श्याम लाल ने की।
रैली के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया गया। प्रतिभागियों ने नारे लगाते हुए संदेश दिया –
“पानी खड़ा होगा जहां, मच्छर पनपेगा वहां”
रैली के दौरान यह बताया गया कि घरों में सप्ताह में कम से कम एक बार कूलर, पानी की टंकी, हौदी, फ्रिज की ट्रे और गमलों में जमा पानी को साफ करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
इसके उपरांत जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्याम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पंचशील कॉलोनी में छात्रों व शिक्षकों को मलेरिया से बचाव की जानकारी दी। विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी व ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसके विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
इस अवसर पर जिले के सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मलेरिया दिवस मनाया गया।
सिविल सर्जन डॉ. ज्योत्सना ने आमजन से अपील की कि वे स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों में सहयोग करें और अपने घरों व आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकें।
प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. गिनी लांबा ने बताया कि मलेरिया को हल्का बुखार समझकर अनदेखा न करें, क्योंकि यह जानलेवा भी हो सकता है। मलेरिया का इलाज 14 दिन का होता है और यह सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि उपचार के बाद खून की दोबारा जांच अवश्य करानी चाहिए।
उप सिविल सर्जन (मलेरिया) डॉ. योगेश गोयल ने बताया कि वर्ष 2024 में कुल 23 मलेरिया के मामले दर्ज किए गए थे। इस वर्ष मलेरिया पर नियंत्रण हेतु 166 टीमों का गठन किया गया है, जिनमें एम पी एच डब्लू एवं आशा वर्कर शामिल हैं। ये टीमें घर-घर जाकर जागरूकता फैलाएंगी।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य निरीक्षक बलबीर सिंह, विभागीय अधिकारीगण व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।


