गैर कानूनी तरीके से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों को किया जाए बंद
चन्हित अपराध के तहत आने वाले मामलों की गहनता के साथ जांच करें -उपायुक्त डाॅ. मनोज कुमार
जिले के सभी विश्वविद्यालय विशेष अभियान चलाकर अपने आस-पास के क्षेत्र में उगे भांग के पौधों को नष्ट करे
सोनीपत, 23 अप्रैल। उपायुक्त डॉ0 मनोज कुमार ने जिले के सभी विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि सभी विश्वविद्यालय अपने से संबंधित जमीन व आस-पास के क्षेत्र में उगे भांग के पौधों को उखाडने व नष्ट करने के लिए विशेष अभियान चलाए, ताकि नशे के रूप में प्रयोग होने वाले भांग के पौधों का नष्ट किया जा सके। उन्होंने कहा कि अभियान के बाद सभी विभागाध्यक्ष प्रमाण पत्र देंगे कि उनके क्षत्र में कहीं भी भांग का पौधा मौजूद नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए नशे को जड़ से खत्म करना जरूरी है क्योंकि अगर हमारे युवाओं को इससे नहीं बचाया गया तो हमारी आने वाली पीढिया बर्बाद हो जाएंगी।
उपायुक्त डॉ0 मनोज कुमार ने बुधवार को लघु सचिवालय में अधिकारियों के साथ एनकोर्ड व चिन्हित अपराध योजना को लेकर समीक्षा बैठक करते हुए उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत सभी विश्वविद्यालय सेमिनार कर बच्चो को जागरूक करे व नशे के खिलाफ लडाई में जिला प्रशासन का सहयोग करे।
उपायुक्त ने सभी एसडीएम एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो जिले मे गैर कानूनी तरीके से चलाए जाए रहे नशा मुक्ति केंद्रो को बंद करवाए व उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने बताया कि अभी जिले मे छह नशा मुक्ति केंद्र है। जिसमें से तीन सोनीपत में, दो खरखौदा में व एक गोहाना में है। इनकी भी जांच के आदेश संबंधित एसडीएम के दे दिए गए। नियमों की अवहेलना पाए जाने पर सभी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में उन्होंने चिन्हित अपराधों के मामलों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिन्हित मामलों में अपराधी को सजा दिलवाने के लिए संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। निरंतर एक-दूसरे के संपर्क में रहकर केस को माननीय अदालतों में सबूतों के साथ मजबूती से पैरवी करने की जरूरत है। अपराधी को सजा मिलने पर समाज में सकारात्मक संदेश जाता है और अपराध की प्रवृत्ति कम होती है। अपराधी हतोत्साहित होते हैं। ऐसे अपराध जो चिन्हित अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, पुलिस विभाग उनकी प्राथमिकता के आधार पर पूरी गहनता के साथ त्वरित जांच कर रिपोर्ट तैयार करें। ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बारे उपायुक्त कार्यालय को अवश्य अवगत करवाया जाए।
इस मौके पर सीईओ जिला परिषद अभय सिंह, एसडीएम सुभाष चंद्र, एसडीएम डाॅ. निर्मल नागर, एसडीएम प्रवेश कादियान, जेल अधीक्षक राजेन्द्र सिंह, डीसीपी नरेन्द्र सिंह, डीडीपीओ जितेन्द्र सहित संबंधित सभी अधिकारी मौजूद रहे।