महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की टीम ने किया जिला में बनाए गए क्रेच सेंटरों का निरीक्षण
कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल करने व उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय क्रेच (शिशुगृह) योजना-संयुक्त सचिव डॉ० प्रीत्तम यशवंत
सोनीपत, 08 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय क्रेच (शिशुगृह) योजना को अंतर्गत महिला और बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की टीम ने मंगलवार को जिला में स्थित क्रेच सेंटरों (शिशुगृह) व प्ले स्कूल/ आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर वहां पर बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस टीम में महिला और बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ० प्रीत्तम यशवंत व उप-सचिव अभिषेक आंनद सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान उन्होंने न्यू जीवन नगर, विशाल नगर, पुलिस लाईन, गांव बढ़ मलिक स्थित क्रेच सेंटरों का दौरा किया और वहां पर मौजूद स्टॉफ से बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बारिकी से पूछताछ की। उहोंने क्रेंच सेंटर में कार्य करने वाली महिला कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे बच्चों की अच्छी देखभाल करने के साथ-साथ उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया करवाना सुनिश्चित करें।
संयुक्त सचिव डॉ० प्रीत्तम यशवंत ने बताया कि केन्द्र सरकार ने कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल करने व उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय क्रेच (शिशुगृह) योजना की शुरूआत की थी। इन के्रच सेंटरों में बच्चों की देखभाल के लिए एक सुरक्षित और अच्छी जगह प्रदान की जाती है ताकि कामकाजी महिलाएं बिना किसी चिंता के काम कर सके। उन्होंने बताया कि कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए बनाए गए इन क्रेच सेंटर में 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। हमारा प्रयास है कि क्रेच की व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ हों, ताकि कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल के लिए बेहतरीन सुविधा मिल सके।
उन्होंने बताया कि क्रेच सेंटर में बच्चों के लिये सोने की सुविधा सहित सुरक्षित खेल का मैदान, आरामदायक बैठने की जगह व अन्य दैनिक सुविधाएं, 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिये प्रारंभिक प्रोत्साहन और 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये प्री-स्कूल शिक्षा, बच्चों के सर्वांगीण विकास की निगरानी, स्वास्थ्य जाँच और टीकाकरण की सुविधा मिलती है।
शिशुगृह एक महीने में 26 दिन एवं प्रतिदिन साढ़े सात घंटे के लिए खुला रहता है। इसमें कार्यरत मुख्य कर्मचारी की न्यूनतम योग्यता कक्षा 12वीं एवं सहायक कर्मचारी की न्यूनतम योग्यता कक्षा 10वीं तक होती है। क्रेच सेंटरों में बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम भी होते हैं, जो बच्चों के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में मदद करते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा की संयुक्त निदेशक पूनम रमन ने बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने राष्ट्रीय क्रेच (शिशुगृह) योजना को प्रदेश में लागू किया। आज हरियाणा में बनाए गए सभी क्रेच सेंटरों में रहने वाले बच्चों को सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है ताकि उनका शैक्षणिक व शारीरिक विकास हो सके।
इस मौके पर नगराधीश डॉ० अनमोल, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमारी, डब्लूसीडीपीओ गीता गहलावत व पूनम सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।


