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Waqf Bill: लोकसभा में गरमाया माहौल, वक्फ बिल को लेकर ओवैसी और BJP में तीखी नोकझोंक!

Waqf Bill: हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में Waqf संशोधन बिल के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। ओवैसी ने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में गोरे अफ्रीकी कानूनों का विरोध करते हुए कहा था, “मेरी अंतरात्मा इसे स्वीकार नहीं करती,” वैसे ही वे इस कानून को असंवैधानिक मानते हुए इसे फाड़ रहे हैं। ओवैसी का कहना था कि भाजपा इस बिल के जरिए देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है, जिसे वह पूरी तरह से नकारते हैं। उन्होंने सरकार से इस बिल में 10 संशोधनों को स्वीकार करने की मांग की।

भा.ज.पा. सांसद ने पूछा सवाल

इस बीच, भाजपा के सांसद और Waqf संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने ओवैसी के विरोध पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ओवैसी ने बिल को असंवैधानिक बताया, लेकिन उन्होंने खुद असंवैधानिक कदम उठाकर उस बिल को फाड़ दिया। उन्होंने पूछा कि आखिर ओवैसी ने इस बिल को क्यों फाड़ा और क्या यह कार्रवाई संविधान का उल्लंघन नहीं है?

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विपक्ष ने भी किया विरोध

Waqf संशोधन बिल पर विपक्षी दलों ने भी अपना विरोध जताया। तृणमूल कांग्रेस, DMK और शिव सेना UBT ने इस बिल के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई। तृणमूल कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस Waqf में सुधार के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस बिल में ऐसे कई प्रावधान हैं जिनका राजनीतिक उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार मुस्लिमों को धार्मिक प्रमाण पत्र दे रही है, तो क्या अन्य धर्मों के लोगों से भी ऐसे प्रमाण पत्र मांगे जाएंगे? गोगोई ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों के सुझावों को नजरअंदाज किया गया और Waqf के विषय पर ज्ञान न रखने वाले लोगों को इस पर चर्चा के लिए बुलाया गया।

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर कसा तंज

कांग्रेस के नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के प्रति संवेदनशील होने का दिखावा करती है, जबकि उनका असली उद्देश्य साम्प्रदायिक सौहार्द्र को नष्ट करना है। गोगोई ने यह भी कहा कि भाजपा संघ परिवार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लेने का मुद्दा उठाकर मुस्लिम समुदाय की छवि को धूमिल करना चाहती है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस बिल को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह कैसे संभव है कि सरकार Waqf संपत्तियों का पंजीकरण सिर्फ छह महीने में कराए, जबकि इसे पिछले दस वर्षों में भी पूरा नहीं किया जा सका।

Khabar Abtak

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