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Waqf Amendment Bill: क्या कांग्रेस, SP और AAP के ‘राजनीतिक मुस्लिम’ कर रहे हैं वक्फ बिल का विरोध?

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध कर रहे विपक्ष और मुस्लिम संगठनों को एक बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने आज लोकसभा में प्रस्तुत होने जा रहे वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। शादाब शम्स ने कहा कि जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे असल में मुसलमान नहीं हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मुस्लिम संगठन गरीब मुसलमानों को अपनी राजनीतिक फायदे के लिए बलि का बकरा बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में बयान

शादाब शम्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और कहा, “गरीब मुसलमानों की प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीदें हैं, इसलिए हमने इस संशोधन विधेयक का नाम ‘उम्मीद’ रखा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू एक उम्मीद की किरण हैं। पीएम मोदी की सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे। यह ’70 साल बनाम मोदी का कार्यकाल’ है।” उनका यह बयान विपक्ष और मुस्लिम संगठनों की आलोचनाओं के बीच मोदी सरकार के समर्थन में था।

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विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठनों पर हमला

शादाब शम्स ने आगे कहा, “विपक्ष ने 70 साल सत्ता में रहते हुए वक्फ की लूट की। गरीबों के अधिकारों को अमीरों ने लूट लिया। अब ये लोग मुसलमानों को डराकर यह कह रहे हैं कि मस्जिदें छीन ली जाएंगी। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे असल में मुसलमान नहीं हैं। वे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और जनता दल जैसे राजनीतिक मुसलमान हैं। इनके पीछे जमीअत उलेमा-ए-हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे एनजीओ और कमेटियां हैं, जो वक्फ से फायदे उठा रही हैं। इनका डर यह है कि वक्फ के अधिकार उनसे छिन सकते हैं।”

AIMPLB का विरोध और अपील

इस बीच, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने Waqf Amendment Bill के विरोध में एक नई रणनीति अपनाई है। बोर्ड ने सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों और उनके सांसदों को पत्र लिखा है, जिसमें उनसे वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ वोट करने की अपील की गई है। AIMPLB के अध्यक्ष खालिद सैफुल्ला रहमानी ने यह पत्र लिखा है, और इस पत्र में उन्होंने विधेयक का विरोध करने की वजहें भी दी हैं। अब देखना यह होगा कि इस विरोध के बावजूद, वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में कैसे पेश होता है।

Khabar Abtak

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