Ramji Lal Suman के घर पर करणी सेना का हमला, पुलिस बनी रही मूकदर्शक
Ramji Lal Suman: बुधवार 26 मार्च को उत्तर प्रदेश के आगरा में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना ने तोड़फोड़ की । भीड़ ने राणा सांगा पर सुमन के बयान के विरोध में यह हमला किया । सोशल मीडिया पर आई चौंकाने वाली तस्वीरों में पुलिसकर्मी चुपचाप खड़े होकर तोड़फोड़ देख रहे थे। इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया है और कई राजनीतिक नेताओं ने अधिकारियों की निष्क्रियता की आलोचना की है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि उन्हें सरकार की प्रतिक्रिया में दोहरा मापदंड दिखाई देता है।
ओवैसी ने सरकार पर दोहरे मापदंड का आरोप
ओवैसी ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया । उन्होंने लिखा अगर ये उपद्रवी मुसलमान होते तो भाजपा की योगी सरकार क्या प्रतिक्रिया देती? लाठीचार्ज गोलीबारी गिरफ़्तारी देशद्रोह के आरोप और यहां तक कि बुलडोजर भी चलाए जाते। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनके बयान ने कानून लागू करने वालों में कथित पक्षपात को उजागर किया जिससे धर्म के आधार पर भीड़ के साथ अलग-अलग व्यवहार पर सवाल उठे।
What would have been the BJP Yogi Government response if these "spectators" where M…… ?lathicharge,firing,arrest then Sedition,attacking a government Servant, Bulldozer and 6pm & 9pm Nationalist would have called them as agents of a M king but mashallah nothing happened. https://t.co/yjpkYi32sV
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 27, 2025
राणा सांगा को देशद्रोही कहने पर विवाद
यह तोड़फोड़ रामजी लाल सुमन के राज्यसभा में दिए गए विवादित बयान से उपजी है जिसमें उन्होंने राणा सांगा को देशद्रोही कहा था । सुमन ने कहा BJP के सदस्य अक्सर दावा करते हैं कि मुसलमानों में बाबर का DNA है। लेकिन हिंदुओं में किसका DNA है? यह राणा सांगा ही थे जो इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत लाए थे । अगर मुसलमान बाबर के वंशज हैं तो हिंदू भी देशद्रोही राणा सांगा के वंशज हैं। सिर्फ़ बाबर की आलोचना क्यों की जाती है राणा सांगा की नहीं? इस टिप्पणी से BJP नेता और हिंदू संगठन भड़क गए जिसके चलते आखिरकार उनके आवास पर हमला हुआ।
विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा
घटना के बाद समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह इस मामले में उदासीन है। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस ने भीड़ के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की। इस घटना ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है नेताओं ने जवाबदेही की कमी और मौजूदा सांसद के आवास की सुरक्षा करने में सरकार की विफलता की आलोचना की है।