इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय रिवाड़ी के 35 छंटनीग्रस्त रिसोर्स पर्सन ने रिजॉइन करने के लिए मुख्यमंत्री से न्याय की लगाई गुहार- कर्मवती यादव

चंडीगढ़, 8 मार्च : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जहां एक और सभी पदाधिकारी, नेता एवं सरकार के नुमाइंदे महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं वहीं आइजीयू मीरपुर रेवाड़ी के 25 छंटनीग्रस्त सहायक प्राध्यापिकाएं उनकी इस विचारधारा पर सवाल खड़ा करती हैं। होली के त्योहार के इस मौके पर मायूस बैठी ये प्राध्यापिकाएं, 15 दिन से अपनी सेवा बहाल होने का इंतजार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा कुलपति व उच्च अधिकारियों को इन्हें रिजवान करवाने के आदेश दिए थे लेकिन किसी भी रिसोर्स पर्सन को बहाल नहीं किया गया है।
हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक व मीरपुर रेवाड़ी की हुकटा रिप्रेजेंटेटिव कर्मवती यादव ने सयुंक्त बयान में बताया कि मीरपुर यूनिवर्सिटी में 51 स्थायी टीचिंग की भर्ती के बाद भी लगभग 46 स्वीकृत पदों रिक्त बचे हुए हैं जिन पर छंटनी ग्रस्त सभी 35 रिसोर्स पर्सन को बेसिक वेतनमान 57 700 रुपए पर पुनः बहाल किया जा सकता है।
आगे उन्होंने बताया कि हम स्थायी भर्ती करने के पक्षधर हैं लेकिन सरकार अपने वायदे अनुसार अस्थाई शिक्षकों को पहले सेवा सुरक्षा करें और सेवा सुरक्षा होने तक हमारे पदों को भरा हुआ मानकर शेष पदों पर क्लियर कट वैकेंसी निकाले और भर्ती करे।
कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर की तर्ज पर एवं योग्यता अनुरूप 5 से 12 वर्षों से कार्यरत विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सेवा सुरक्षा देकर सरकार अपना वायदा भी कायम रख सकती है और इन शिक्षकों के सिर पर मंडराती बेरोजगारी की तलवार को भी रोक सकती है।