हरियाणा सरकार पर दिल्ली को डुबोने के लगे आरोपों पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने तेवर तल्ख कर दिए हैं। उन्होंने दिल्ली के साथ ही पंजाब के सीएम के बयानों पर तीखा पलटवार शुरू कर दिया है। बाढ़ के पानी पर हो रही सियासत पर सीएम मनोहर दिल्ली सरकार को अनपढ़, बेशर्म और ढीठ तक कह दिया है। साथ ही उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सीएम ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए।
खट्टर ने हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ने के दिल्ली सरकार के आरोप को वाहियात बताया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो हमारे एरिया में ज्यादा नुकसान क्यों हुआ।
SYL के जरिए पंजाब सीएम को घेरा
हरियाणा सीएम ने सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के जरिए पंजाब सीएम भगवंत मान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि आज SYL नहर बनी हुई होती तो पंजाब को कम नुकसान होता, लेकिन पंजाब का वर्षा का अतिरिक्त पानी बहकर हरियाणा में जो SYL बनी हुई है, उसमें आया, जिसके कारण अंबाला और कुरूक्षेत्र जिले के इलाके डूब गए। यह 2 जिले केवल अधूरी बनी हुई SYL के कारण से डूबे। लेकिन हरियाणा ने पंजाब पर आरोप नहीं लगाया।
बाढ़ पर बयान देने वाले नेताओं को पर तीखा तंज
खट्टर ने भारी बारिश व बाढ़ से उत्पन्न हुए हालातों के दौरान राजनेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस आपदा के समय आरोप-प्रत्यारोप का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह मानवता, प्रदेश व देश हित में बिल्कुल भी सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से हथिनी कुंड बैराज के कुछ फोटो देखकर बयान दिए गए, वह अनपढ़ता की ओर इशारा करते हैं।
केजरीवाल पर निशाना
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा का एरिया यमुना के साथ दिल्ली के मुकाबले ज्यादा लगता है। इसलिए इतनी समझ उन्हें होनी चाहिए और हरियाणा को बदनाम करने से पहले सोचना चाहिए। हरियाणा ऐसे बदनाम नहीं होगा। हरियाणा की अपनी एक पहचान है। हरियाणा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि सेवा करता है। मैं स्वयं को बचा लूं और दूसरे को नुकसान होने दूं, यह छोटी सोच का विषय है।
दिल्ली को हरियाणा देता है पानी
हरियाणा सीएम ने कहा कि दिल्ली के पानी की आवश्यकता को हरियाणा ही पूरा करता है। दिल्ली का शेयर 750 क्यूसेक है और आज भी हरियाणा दिल्ली को 1070 क्यूसेक पानी देता है। 320 क्यूसेक पानी उसके हिस्से से ज्यादा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जितना अतिरिक्त पानी हरियाणा देगा, उस अतिरिक्त पानी का दिल्ली सरकार भुगतान करेगी।
जबकि दिल्ली सरकार उस 320 क्यूसेक अतिरिक्त पानी का पैसा नहीं देती है। कोई चीज यदि पैसे से दी जा रही है तो उसका पैसा लौटाना ही चाहिए।