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भारत सरकार ने अपने ही 64 साल पुराने मौजूदा इनकम टैक्स क़ानून को बदला 

गोहाना : सी ए एसोसिएशन गोहाना, के प्रधान सी ए कर्मबीर लठवाल ने बताया कि भारत सरकार ने अपने मौजूदा इनकम टेक्स क़ानून को बदला इसका आम आदमी और व्यापारियों को क्या फायदा होगा | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 13 फरवरी 2025 को नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया गया। इस बिल के द्वारा भारत सरकार ने अपने ही 64 साल पुराने मौजूदा इनकम टैक्स क़ानून 1961 बदल दिया जाएगा। यह नया इनकम टैक्स बिल 01 अप्रैल 2026 से पुरे भारत वर्ष में लागू होगा।

नया इनकम इनकम टैक्स बिल मौजूद इनकम टैक्स कानून 1961 से आकर में छोटा है जो की 622 पन्नों के नए बिल में 23 चैप्टर में 536 धाराएं और 16 शेड्यूल है जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं और 14 शेड्यूल है और यह लगभग 880 से अधिक पन्नों का है।

नए इनकम टैक्स बिल 2025 के मुख्य उद्देश्य या उसमें बदलाव निम्न है-

नए आयकर बिल में बदलाव के लिए संसद की मंजूरी की बाध्यता भी खत्म हो जाएगी। यह बदलाव सीबीटीटी अपने स्तर पर कर सकेगी इससे नौकरशाही के स्तर पर होने वाली देरी में कमी आएगी।

यह नया कानून मौजूद इनकम टैक्स कानून 1961 को सरल बनाकर आयकर कानून को आम लोगों के समझने योग्य बनाएगा और इससे जुड़ी मुकदमे बाजी को कम करने में सहायता करेगा।

टैक्स ईयर नए बिल में टैक्स ईयर का कांसेप्ट है मौजूदा कानून में एसेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता था जो आम आदमी की समझ से बाहर होते थे अब नए कानून में टैक्स एयर को आम आदमी आसानी से समझ सकता है जो की 1 अप्रैल से आरंभ होकर 31 मार्च तक रहेगा।

नए कानून में एक आय के एक स्त्रोत से संबंधित सभी कटौतियों डिडक्शन को एक ही जगह टेबल में दिया गया है जिसे समझने में आसानी होगी जैसे वेतन से संबंधित कटौतियों को जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन ग्रेच्युटी लिविंग प्लेसमेंट आदि को एक ही जगह धारा 18 में इकट्ठा किया गया है टीडीएस से संबंधित पुराने क़ानून की सभी धाराओं को एक धारा 393 में टैबलेट फॉर्म में दिया गया है।

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नए आयकर बिल में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की तारीख 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर होगी इससे रिपोर्ट के बाद भरे जाने वाले ऑडिट आयकर रिटर्न 31 अक्टूबर की जगह 30 नवंबर तक भरे जा सकेंगे। और बिना ऑडिट वाली आय का रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रहेगी।

नए कानून में फ्रिंज बेनिफिट जैसे संबंधित अनावश्यक क्षेत्र हटा दिए गए हैं मैं और पेनाल्टी टैक्स के ट्रक संगत बढ़ेंगे था समय पर रिटर्न में भरने पर भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ेगा।

नए इनकम टैक्स बिल में क्रिप्टो, एनएफटी सहित वर्चुअल डिजिटल असेट्स पर फ्लैट 30% टैक्स लगेगा और क्रिप्टो के हर लेनदेन पर एक प्रतिशत टीडीएस लागू होगा इसमें क्रिप्टो को परचेस करने की लागत के अतिरिक्त अन्य कोई छूट नहीं मिलेगी अब नए कानून के हिसाब से क्रिप्टो कि आप अपनी आय का रिटर्न में रिपोर्टिंग करना अनिवार्य होगा अन्यथा भारी मात्रा में पेनल्टी लगेगी।

नए आयकर बिल में भी आयकर के दो ऑप्शन रहेंगे पहला ऑप्शन जिसमे सभी डिडक्शन और छूट मिलेगी और दूसरा ऑप्शन जिसमें कोई भी डिडक्शन या छूट नहीं मिलेगी दूसरे ऑप्शन के टैक्स रेट धारा 202 में इस प्रकार है।

नई आयकर स्लैब दरें:

₹0 से ₹4 लाख तक की आय: कोई कर नहीं।

₹4 लाख से ₹8 लाख तक की आय: 5% कर।

₹8 लाख से ₹12 लाख तक की आय: 10% कर।

₹12 लाख से ₹16 लाख तक की आय: 15% कर।

₹16 लाख से ₹20 लाख तक की आय: 20% कर।

₹20 लाख से ₹24 लाख तक की आय: 25% कर।

₹24 लाख से अधिक की आय: 30% कर।

सरकार की नया इनकम टैक्स बिल लाने का मुख्य उद्देश्य पुराने इनकम टैक्स कानून को सरल करना और ग्लोबल टैक्स सिस्टम से जोड़ने की एक कोशिश है।

Khabar Abtak

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