बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में शामिल हों छात्राएं : करमिन्दर कौर

रोहतक, 6 फरवरी। महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिन्दर कौर ने कहा कि लिंग-भेद समाज द्वारा बनाया गया है। लिंग भेद भी बच्चियों और महिलाओं पर एक तरह की हिंसा है जिसे समाज में जागरूकता से खत्म किया जा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह भी सभ्य समाज पर एक कलंक हैं। बाल विवाह की रोकथाम के लिए समाज के सभी तबकों को मिलकर काम करना होगा। युवा इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह बात उन्होंने मायना गांव में महारानी किशोरी कालेज की छात्राओं के एनएसएस कैम्प में छात्राओं को बाल जागरूक करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को समाज में जागरूकता के माध्यम से खत्म किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने एनएसएस छात्राओं को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में शामिल होने का आहवान किया गया। साथ ही यह भी कहा कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान राष्ट्रव्यापी अभियान है। 27 नवम्बर को दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरूआत की थी। इस अवसर पर एनएसएस प्रोग्राम आफिसर सोफिया जाखड और डॉ. सविता मलिक ने भी अपने विचार सांझा किए।