बीएमयू में भारतीय संविधान एवं राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर सेमिनार का आयोजन

रोहतक, 25 जनवरी। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान एवं राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. एचएल वर्मा ने कहा कि भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज है। यह उस ढांचे को निर्धारित करता है जो सरकारी संस्थानों के मौलिक राजनीतिक कोड, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों का सीमांकन करता है और मौलिक अधिकारों, निर्देशक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को निर्धारित करता है। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित राष्ट्रीय संविधान है। भारतीय संविधान संसदीय सर्वोच्चता नहीं बल्कि संवैधानिक सर्वोच्चता प्रदान करता है, क्योंकि इसे संसद के बजाय संविधान सभा द्वारा बनाया गया था और इसकी प्रस्तावना में एक घोषणा के साथ इसे इसके लोगों द्वारा अपनाया गया था। संसद संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकती। इस अवसर पर मुख्यवक्ता डॉ. अर्चना सिन्हा ने कहा कि भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। भारतीय संविधान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर जोर देने वाला दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है और स्वतंत्र न्यायपालिका को संविधान का उल्लंघन करने वाले कानूनों या सरकारी कार्यों को अमान्य करने का अधिकार देता है। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो. विनोद कुमार, डॉ. नवीन कपिल, डॉ. सुधीर मलिक, डॉ. मनीष दलाल, डॉ. रितु, डॉ. सीमा देवी, डॉ. राजरानी, डॉ. प्रमिला, डॉ. हरविंदर, डॉ. सोनिया व आकाशदीप ने भी अपने विचार सांझा किए।