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अशोक बुवानीवाला ने दादूपुर-नलवी नहर को डी-नोटिफाई करने का कानून रद्द करने के फैसले का किया स्वागत

गुरुग्राम :-हरियाणा प्रदेश कांग्रेस उद्योग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा गत 20 दिसंबर 2024 को हरियाणा सरकार के दादूपुर-नलवी नहर को डी नोटिफाई करने के कानून को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया है।
बता दें कि हरियाणा प्रदेश सरकार ने दादूपुर नलवी नहर को डी-नोटिफाई करने का कानून बनाकर इस परियोजना से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण संबंधी कानून में धारा-101-ए शामिल कर वर्ष 2018 में इस परियोजना को डी-नोटिफाई कर समाप्त कर दिया था। अशोक बुवानीवाला ने इस मामले के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को उनकी जीत के लिए बधाई देते हुए कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का यह निर्णय ऐतिहासिक है। हरियाणा के मुख्यमंत्री से शीघ्र परियोजना को दोबारा से लागू कर नहर बनाने की मांग करें, ताकि क्षेत्र के किसानों में खुशहाली आए।
अशोक बुवानीवाला ने बताया कि इसी प्रकार यमुनानगर पंचकुला व अम्बाला जिले के किसानों की खुशहाली के लिए वर्ष 2004- 05 में तत्कालीन हुड्डा शासन की कांग्रेस सरकार द्वारा ताजेवाला बांध से रायपुररानी तक नहर बनाने की योजना के तहत अंबाला नारायणगढ़ नहर परियोजना को मंजूरी दी थी। इसके लिए 400 करोड़ रुपए भी मंजूर किए थे। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उपरोक्त परियोजना को खर्चीला बताते हुए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यह ताजेवाला से रायपुर रानी तक नहर के बनने से जहां अंबाला और पंचकूला जिलों के किसानों के खेतों की सिंचाई होगी। जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। तेजी से गिरते हुए भूजल स्तर में भी सुधार आएगा और किसानों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेलों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।

अशोक बुवानीवाला ने बताया कि कालका और पंचकूला से होकर जाने वाला पानी नीचे मैदानी इलाकों में काफी तबाही मचाता है इसी के मदेनजर अंबाला-नारायणगढ़ नहर परियोजना के तहत नहर निर्माण करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए भी मंजूर किए थे। दुख की बात है कि सरकार ने इस परियोजना को खर्चीली बताते हुए इसे ठंडे बस्ती में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि यदि इस नहर का निर्माण होता है तो इससे अंबाला साहा, नारायणगढ़ और रायपुर रानी तक के क्षेत्र के किसानो के खेतों की सिंचाई होती और तेजी से गिरते हुए भूजल स्तर में भी सुधार होता और बेहद पिछड़े हुए शिवालिक क्षेत्र में खुशहाली आती। बुवानीवाला ने बताया कि कालका, पंचकूला से होकर जाने वाले पानी का यहां के स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है यदि ताजेवाला बांध से लेकर रायपुर रानी तक उपरोक्त नहर का निर्माण हो जाएगा तो इसका लाभ पूरे क्षेत्र को मिलेगा।

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ज्ञात रहे यमुनानगर के दादूपुर से शाहाबाद के नवी तक 231 गांव की जमीन खोद कर बनाई गई दादूपुर नलवी नहर के मुआवजे को लेकर आखिरकार लंबे समय के बाद किसानों के हक में हाई कोर्ट ने फैसला सुना ही दिया। अब किसानों को उम्मीद है कि इस नहर में फिर से पानी आएगा और उनके द्वारा अधिग्रहण की गई जमीन का भी उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा ।

दादूपुर से शाहाबाद के नलवी तक 231 गांव के बीच में खोदी गई दादूपुर नलवी नहर की जमीन अधिग्रहण करने के बाद ही उसके मुआवजे को लेकर किसान और सरकार कोटज़् में पहुंच गए थे। हालांकि 2008 में इस नहर को खोद कर उसमें पानी भी छोड़ दिया गया था। कई साल तक इस नहर में सिंचाई के लिए पानी भी छोड़ा गया और वाटर लेवल ऊपर लाने के लिए इस नहर का पूरा फायदा उठाया गया था लेकिन बाद में किन्हीं कारणो के चलते इस नहर को बंद करने का निर्णय लिया गया और वषज़् 2018 में सरकार ने नहर को डी-नोटिफाई कर इस नहर को बंद करने की आदेश दे दिए। हालांकि यह पहली बार ऐसा हुआ कि किसानों को मुआवजा मिलने के बाद सरकार ने दिए हुए उस मुआवजे को वापस लेने की बात कही और नहर की जमीन भी किसानों को वापस देने के लिए कह दिया। जिस पर फिर से किसानों ने कोर्ट की तरफ रुख कर लिया था।

लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार किसानों के हक में फैसला कोर्ट ने सुना ही दिया। 20 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने किसानों के हक में फैसला सुनाते हुए किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा देने की बात कही और यह भी कहा कि सरकार को कोई भी पैसा वापस नहीं कोई किसान देगा। हालांकि नहर को बंद करने के लिए सरकार ने 101 के तहत एक कानून बनाया था और इस कानून को भी कोर्ट ने रद्द कर दिया जिसको लेकर किसानों के चेहरे खिल गए। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी है। अब जाकर उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिल रहा है। किसानों का कहना है कि यह दादूपुर नलवी नहर किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक है और फिर से इस नहर को शुरू कर इस इलाके का वाटर लेवल ऊपर किया जाए। कोर्ट के फैसले के बाद किसानों को इस बात की भी काफी खुशी है कि उनकी जमीन का मुआवजा अब उन्हें करोड़ों रुपए में मिलने वाला है।

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