हरियाणा खेल विश्वविद्यालय में 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया शुभारम्भ
विद्यार्थियों को नवाचार को बढ़ावा देकर व नए शोध की तरफ अग्रसर होना होगा : बंडारू दत्तात्रेय
सोनीपत :-26 दिसंबर : हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विद्यार्थियों को नवाचार को बढ़ावा देकर नए शोध की तरफ अग्रसर होना होगा। अगर शोध करते समय विद्यार्थियों को असफलता हाथ लगती है तो उन्हें निराश होने की बजाए निरंतर प्रयास जारी रखना होगा। श्री दत्तात्रेय गुरुवार को हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 30 वर्षों बाद यह मौका मिला है जब हरियाणा को इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मौका मिला है और हर वर्ष आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम 26 से 31 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम वैज्ञानिक परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ छात्रों को राष्ट्रीय एकता का मंच भी प्रदान करता है। भारत के कोने-कोने से आए छात्र अपने विचारों और अनुभवों का एक दूसरे से आदान प्रदान करते हैं। सभी हमारे देश की विविध परंपराओं समृद्ध संस्कृतिए रहन-सहन बोली और भाषा के बारे में एक दूसरे से विचार साझा करते है। उन्होंने आह्वान किया किबच्चों के मन में जाति व धर्म को अलग रख कर केवल एक ही भावना होनी चाहिए कि हम भारतवासी है।
श्री दत्तात्रेय ने वीर बाल दिवस पर श्री गुरु गोविंद सिंह के दो साहबजादों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। हम सभी को ऐसे वीर बालकों के जीवन से प्ररेणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में हमेशा जिज्ञासा एकाग्रता और नवाचार की भावना होनी चाहिए। बच्चों में अपने आस.पास की चीजों को जानने की जिज्ञासा निरंतर बढ़ती रहती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को एक अच्छा श्रोता होना चाहिए। उन्हें हर बात को ध्यान से सुनना व समझना चाहिए तभी वे अपने जीवन में आगे बढक़र नए मुकाम हसिल कर पाएंगे।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को बल्ब का आविष्कार करने वाले थॉमस एडीसन के बारे में बताते हुए कहा कि थॉमस एडीसन ने अपने आविष्कार के लिए 999 बार प्रयास किया। उसके बाद वे सफल हुए और दुनिया को बल्ब मिला। इसलिए आप सभी को भी शोध करते समय असफलता से निराश नही होना चाहिए अपितु सफलता प्राप्त होने तक निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। राज्यपाल ने बच्चों को आर्यभट्टए सीवी रमन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और कल्पना चावला जैसे अनेक भारतीय वैज्ञानिकों का उदाहरण देते हुए कहा कि आप सभी को भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए। आप सभी को हमारे वैज्ञानिकों के जीवन से प्ररेणा लेकर शोध करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सभी नवाचार को बढ़ावा देकर व नए.नए शोध करके माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भागीदारी सुनिशिचित करनी होगी तभी हमारा देश एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरकर आएगा।
उन्होंने महान शिक्षाविद् पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बात को याद करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान केवल परीक्षा लेने का संस्थान मात्र नहीं है। मूलत: यह विद्यार्थियों का निर्णाण करने की पौधाशाला है। शिक्षण संस्थानों को वर्तमान व भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में कौशल और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कार्यक्रमों का संचालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पूरे देश की तुलना में नई शिक्षा नीति को सर्वप्रथम हरियाणा में वर्ष 2025 तक लागू करने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बच्चों को बताया कि नई शिक्षा नीति के अंर्तगत छात्र अपनी क्षेत्रीय भाषा में भी एमबीबीएस कर सकते है। राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के विश्वद्यिालयों में रोबोटिक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंगए कोडिंग जैसे अनेक कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है। हरियाणा राज्य में भारत का पहला सरकारी कौशल विश्वविद्यालयए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया है। जहां से शिक्षा प्राप्त कर बच्चें हरियाणा का नाम पूरे देश में रोशन कर रहे हैं।
हम अपने संकल्प को सिद्धि तक लेकर जा रहे हैं-शिक्षा मंत्री महीपाल ढांढा
51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि जब यह कार्यक्रम निर्धारित किया गया तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देशभर से करीब 400 विज्ञान के विद्यार्थी आएंगे। इस पर उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों के विज्ञान के शोध को देखने का अवसर प्रदेश के सभी आठवीं से 12वीं तक से बच्चों को मिले। इसके बाद निर्णय लिया गया कि प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा बच्चे यहां लगाई गई प्रदर्शनी को देखने के लिए आएंगे और हम 31 दिसंबर तक लाखों बच्चों को यहां लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत एक मजबूत राजनैतिक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है तो दुनिया आज भारत से ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि और कौशल पर फक्र और विश्वास कर रहा है और सकारात्मक दृष्टिकोण से विश्वास कर एक साथ आगे बढऩे का कार्य भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जहां पूरे विश्व में गृहयुद्ध की स्थिति है वहीं हमारे देश का बच्चा-बच्चा सकारात्मक सोच के साथ विश्व के कल्याण की बाते कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी को आम लोगों तक भी खोला जाएगा ताकि सभी लोक देश में बच्चों द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को देख सकें।
प्रदर्शनी स्थल पर जाकर बाल वैज्ञानिकों की सराहना की, फोटो भी खिंचवाए |
51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में सभी 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चे अपने-अपने मॉडल लेकर पहुंचे हैं। इन बच्चों द्वारा 185 स्टाल लगाए गए हैं। महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दîाात्रेय व प्रदेश के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांढा ने अधिकारियों के साथ प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण किया। इनमें महाराष्ट्र के के दिव्यांग बच्चों वंश मर्शकूले व वंश डोगरे ने दिव्यांगों के नाखुन काटने के लिए एक यंत्र बनाया था। वहीं गुजरात के बच्चों हर्षिता ने स्मार्ट व्हीलचेयर बनाई थी। बिहार के प्रभु नारायण ने पोर्टेबल स्ट्रक्चर बनाया जिसमें घर से लेकर शौचालय तक सभी माडल दर्शाए गए। सिक्किम के बच्चों भूमिका क्षेत्री ने प्यूरीफायर वाटर टैंक का माडल दर्शाया। तेलंगना की गायत्री ने बेबी मानिटरिंग सिस्टम बनाया था जो बेबी के टेंपरेचर, ह्यूमिडिटी व बेबी के रोने के बारे में बयाया था। महामहिम राज्यपाल व शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने सभी बच्चों की सराहना की व उनके साथ चित्र खिंचवाते हुए आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में चौथे एशियाई रोल बॉल में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली अंशिका को भी सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में कौन-कौन रहे उपस्थित
कार्यक्रम में राई से विधायक कृष्णा गहलावत, सोनीपत से विधायक निखिल मदान, स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, हरियाणा खेल विश्विद्यालय के कुलपति अशोक कुमार, सेकेेंडरी एजुकेशन विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार, एनसीआरटी के निदेशक डा. दिनेश प्रसाद सकलानी, उपायुक्त डा. मनोज कुमार, अतिरिक्त निदेशक डा. अमृता सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।