31 लाख के सौदे में 28 लाख का ले लिया बयाना, न तो रजिस्ट्री करवाई न मकान का दिया कब्जा, यही मकान दूसरे व्यक्ति को बेच उससे भी 12 लाख का बयाना लेने का आरोप
पीड़ित ग्राहक के बेटे के बयान पर विक्रेता, दलाल सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज
गोहाना :-20 नवम्बर : गोहाना के शिव नगर निवासी एक व्यक्ति से 31 लाख रुपए में मकान का सौदा तय कर लिया गया। इसके बाद बयाना लिखवाकर 28 लाख रुपए भी दो चेकों की मार्फत ले लिए गए। फिर भी न तो मकान की रजिस्ट्री कराई और न ही मकान का कब्जा दिया गया। आरोप यह भी है कि विक्रेता ने इसी मकान को पहले एक दूसरे व्यक्ति को भी बेच रखा है तथा उससे 12 लाख ले रखे हैं। पीड़ित व्यक्ति के बेटे ने तीन लोगों पर षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी करने, उकसाने और धमकी देने का आरोप लगाते हुए शहर थाना में शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने विक्रेता और दलाल सहित तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
शहर के शिव नगर निवासी उमेश कुमार ने पुलिस को बताया कि इसी साल 9 अगस्त को उसके पिता राजकरण और मूलरूप से धनाना गांव हाल में शहर के गौतम नगर निवासी अजीत सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह के बीच मकान बेचने का सौदा हुआ था। यह सौदा बलराज नगर निवासी कुलदीप दहिया पुत्र महा सिंह दहिया ने कराया। अजीत सिंह ने उसके पिता को अपना मकान बेचने की कीमत 31 लाख रुपए रखी थी। इसके बाद उसके पिता ने बयाना के तौर पर 28 लाख रुपए दो चेकों के द्वारा दे दिए। इनमें एक चेक 24 लाख व दूसरा 4 लाख रुपए का दिया गया।
इस बयाने में यह तय हुआ कि जब भी रजिस्ट्री खुलेगी, तभी करवा दी जाएगी और बाकी रकम भी उसी समय दे दी जाएगी। इसके बावजूद अजीत सिंह ऐसा नहीं कर रहा है और न ही फोन पर ठीक से बात कर रहा है। वह न तो रजिस्ट्री के लिए राजी है और न ही मकान का कब्जा छोड़ रहा है। वह रजिस्ट्री के लिए उसके पास समय न होने की बात कहता है। वहीं प्रॉपर्टी डीलर कुलदीप दहिया भी जिम्मेदारी लेने के बावजूद मना कर रहा है। उसे सौदे में कमीशन का भुगतान होने से रजिस्ट्री करवाना उसकी जिम्मेदारी है।
उमेश का कहना है कि 14 सितंबर को उसके पास कुलदीप दहिया का फोन आया। उसने बताया कि अजीत सिंह ने अपना यही मकान पहले भी कहीं बेच रखा है। उसने कुलदीप से जानकारी ली तो बताया कि मकान को कुलदीप ने बनवासा गांव निवासी ललित कुमार को बेचा है। इसके बाद उसी दिन शाम करीब चार बजे उसके पास ललित का फोन आया और उससे मिलने की बात कही। जब वह ललित से मिला तो उसने बताया कि अजीत को उसने मकान के लिए बयाना के तौर पर 12 लाख रुपए दिए हैं। उसने ललित को पुलिस में शिकायत देने की बात कही तो वह मना कर गया। उसने अजीत के वीजा लगवाकर विदेश जाने की बात कही।
इस पर उसने ललित को टोका तो उसने कहा कि पुलिस में जाने से रकम मर जाएगी। वह उसे अजीत को पीटने की बात कहने लगा। ललित के बार-बार उकसाने पर वह नहीं माना और उससे बयान की कॉपी दिखाने के लिए कहा, ताकि पुलिस को शिकायत दे सके। इसके बावजूद ललित ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद ललित, उसका दोस्त व कुलदीप उसी दिन शाम को पार्क में उसके पिता से मिले।
आरोप है कि उन्होंने उसके पिता को भी उकसाया। इस पर उसके पिता ने उसे फोन करके बुलाया, जहां ललित व उसके दोस्त ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उसने आरोप लगाया कि षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी की गई है और इसमें अजीत सिंह और कुलदीप दहिया के साथ ललित कुमार भी शामिल है।
इसी के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।