आयकर विभाग के गलत निर्णयों के कारण कच्चे आढ़तीयों के टी. डी. एस. रिफंड आर्डर रुके
गोहाना :- आज सी ए एसोसिएशन गोहाना
की बैठक सीए नवीन गर्ग के कार्यालय में हुई जिस में सीए नवीन गर्ग, सी ए सोनू फ़ोर, सी ए शौरभ गोयल, सी ए अदिति गोयल, दिल्ली से आयकर के विशेषज्ञ सी ए (एडवोकेट) नितिन कँवर जी और पानीपत से सी ए विकास कुंडू आदि उपस्थित थे।
उपस्थित सभी सदस्यों ने निम्न विषयो पर चर्चा की जो कि इस प्रकार है।
आयकर विभाग ने दिवाली से ठीक 1 दिन पहले 30/10/2024 को हजारों की संख्या में बहुत सारे करदाताओं को मुख्य रूप से कच्चे आढ़तीयों को उनकी वित्त वर्ष 2023-24 की आयकर रिटर्न को दोष पूर्ण करार देते हुए आयकर की धारा 139(9) के तहत नोटिस भेज है और इस नोटिस का जवाब नोटिस की तारीख से 15 दिनों के अंदर अंदर देना होगा। इस तरह के नोटिसो की मार कच्चा आढ़तीयों को वर्ग वित्तीय वर्ष 2021-22 से अब तक झेल रहा है। इन नोटिस के कारण जिन करदाताओं को आयकर से रिफंड लेना था विभाग ने उन का रिफंड रोक लिया है और बहुत सारे करदाताओं की तो टैक्स डिमांड निकल दी है।
कच्चे आढ़तीयों ने अपनी आयकर की रिटर्न्स आयकर विभाग के सरकुलर नंबर 452 जो की विभाग द्वारा 17/03/1986 को जारी किया गया था, की पालना करते हुए फ़ाइल की थी और विभाग द्वारा ये आयकर रिटर्न्स वित्त वर्ष 2020-21 तक इसी क़ानून के तहत विभाग द्वारा स्वीकार की जाती रही है और करदाताओं को उन का रिफंड मिलता रहा है। इस सरकुलर के अनुसार कच्चे आढ़तीये की सेल/टर्नओवर उसके द्वारा कमाया गया केवल कमीशन
ही होगा ना की माल की पूरी कीमत।
श्री नितिन जी ने बताया कि परन्तु आयकर विभाग ने 01/07/2021 को एक नई धारा 194Q जोड़ी गईं जिसके तहत माल के खरीददार द्वारा 50 लाख से अधिक की खरीद पर 0.1% के हिसाब से टीडीएस काटा जाएगा। इस प्रावधान के कारण कच्चे आढ़तीयों के फॉर्म नंबर 26AS में 194Q के तहत काटे गए टीडीएस की डिटेल आने लगी और उस कमीशन सेल को जोकि कच्चे आढ़तीये ने केवल कमीशन लिया है कमीशन प्रिंसिपल के लिए खरीदी-बेचीं थी उसे उस कच्चे आढ़तीये की सेल मान लिया गया है। ज़ब कि ऐसा करना सरकुलर नंबर 452 तिथि 17/03/1986 का उलघन है।
श्री विकास कुंडू जी ने बताया कि आयकर विभाग पिछले 3 वर्षो से बताकर कि करदाता ने अपनी आयकर रिटर्न्स में फॉर्म नंबर 26AS के हिसाब से टर्नओवर नहीं दिखाता और अंतर केवल धारा 194Q के तहत सेल पर काटे गए टीडीएस के कारण ही आता है।
पिछले दो सालो से सी ए एसोसिएशन गोहाना द्वारा ये मुद्दा CBDT, वित्त मंत्रालय और आयकर के कई बड़े-बड़े अधिकारीयों के सामने उठा चुकी है और लगभग सभी संबन्धित अधिकारियो की ओर से अश्वाशन भी दिया गया कि करदाता सही है उसे उसके टीडीएस का पूरा लाभ मिलना चाहिए। इस संबंध में मननीय आयकर अपील अधिकरण, विशाखापट्नम पीठ ने भी 03/10/2024 के बिलकुल समान केस में अपने एक निर्णय में भी कहा है कि आयकर अधिकारी ने करदाता को उस के पुरे टीडीएस का लाभ देना चाहिए। परन्तु आयकर विभाग की एक ब्रांच केन्दीकृत प्रसंस्करण विभाग बेंगलुरु द्वारा कच्चे आढ़तीयो के केस में उन को पुरे टीडीएस का लाभ ना देकर टर्नओवर के अनुपातिक आधार टीडीएस का लाभ देते हुए कच्चे आढ़तीयो को डिमांड आर्डर थम्भा दिया जाता है। जिस के कारण फालतू के अपील के केस बढ़ रहे है।
अतः सी ए एसोसिएशन गोहाना ने माननीय वित्त मंत्री भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारमन और CBDT से प्रार्थना कि है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकला जाए या इस संबंध में कोई नया सरकुलर /नोटिफिकेशन जारी किया जाए जिस से व्यपारियों को इंसाफ मिल सके और अपील के ओर अधिक केस ना बड़े और ना ही छोटे छोटे व्यपारियों को इस तरह की परेशानियो का सामना ना करना पड़े।